
- कांवड़ यात्रा को लेकर यूपी के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और डीजीपी राजीव कृष्ण ने मेरठ में चार राज्यों के अधिकारियों संग बैठक की.
- व्यापक योजना में बताया गया कि कांवड़ यात्रा के दौरान हर किलोमीटर पर एक दरोगा और छह पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे
- फूड सेफ्टी विभाग कांवड़ शिविरों, होटलों और ढाबों पर निगरानी रखेगा. किसी भी ग्रुप को चेकिंग की इजाजत नहीं दी जाएगी.
कांवड़ यात्रा को सकुशल और व्यवस्थित ढंग से संपन्न कराने के लिए पुलिस-प्रशासन ने कमर कस ली है. इस सिलसिले में मेरठ में यूपी के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और डीजीपी राजीव कृष्ण ने चार राज्यों के अधिकारियों के साथ अहम बैठक की. बैठक में कांवड़ यात्रा के लिए सुरक्षा, ट्रैफिक, साफ-सफाई और खाद्य सुरक्षा आदि से जुड़े सभी पहलुओं पर गहन मंथन हुआ और एक व्यापक योजना को अंतिम रूप दिया गया. कांवड़ यात्रा को लेकर कई नियम जारी किए गए हैं. नियम तोड़ने वालों को सख्त चेतावनी भी दी गई है.
कांवड़ यात्रा की तैयारियों की समीक्षा के लिए मेरठ के कमिश्नरी सभागार में ये बैठक हुई. बैठक में यूपी के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और डीजीपी राजीव कृष्ण के अलावा दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और उत्तराखंड के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए. मेरठ, सहारनपुर, अलीगढ़ और मुरादाबाद मंडल के अधिकारियों ने भी इसमें हिस्सा लिया. कुछ अधिकारी वर्चुअल रूप से भी शामिल हुए.
कांवड़ यात्रा वैसे तो शुरू हो चुकी है लेकिन 10 जुलाई से कांवड़ रूट पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ने के आसार हैं. इसे देखते हुए पुलिस-प्रशासन कोई कमी नहीं छोड़ना चाहते. बैठक में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि धार्मिक भावनाओं को आहत करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा.
कांवड़ यात्रा को लेकर प्रमुख निर्देश
- कांवड़ मार्ग पर हर किलोमीटर पर एक दरोगा और छह पुलिसकर्मी तैनात होंगे.
- बड़े डीजे केवल शहर के बाहरी रास्तों से शिवालयों तक जाएंगे.
- कांवड शिविरों, होटल, ढाबों पर फूड सेफ्टी विभाग पूरी निगरानी रखेगा.
- कांवड़ियों के लिए साफ-सफाई और पेयजल की समुचित व्यवस्था की जाएगी.
- तारों और ट्रांसफार्मरों से हादसा न हो, ये जिम्मेदारी बिजली विभाग को दी गई है.
- 700 किमी लंबे कांवड़ मार्ग पर सड़कों का मरम्मत का बाकी 25% कार्य जल्द पूरा किया जाए.
यूपी के डीजीपी राजीव कृष्ण ने कांवड़ यात्रा को लेकर कई सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं. बताया कि कांवड़ की ऊंचाई 10 फीट और चौड़ाई 12 फीट से अधिक नहीं होगी. डीजे कांवड़ की आवाज 75 डेसिबल से ज्यादा नहीं हो सकेगी. इस नियम को तोड़ने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
'कोई ग्रुप ढाबों की चेकिंग नहीं करेगा'
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने निर्देश दिए कि पीने के पानी, साफ-सफाई और शुद्धता के साथ खाने की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए. परमानेंट होटलों, ढाबों और कांवड़ शिविरों को सफाई और शुद्धता के बारे में आगाह किया जाएगा. फूड सेफ्टी विभाग सुनिश्चित करेगा कि सभी जगह शुद्ध वेजिटेरियन खाना मिले. डीजीपी राजीव कृष्ण ने कहा कि कोई भी समूह किसी दुकान या ढाबे पर चेकिंग नहीं करेगा. इस काम के लिए फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट को निर्देशित किया गया है.
'10 फीट से ऊंची नहीं होंगी कांवड़'
मुख्य सचिव और डीजीपी ने कहा कि रुड़की से मुजफ्फरनगर के बीच में कांवड़ और डीजे असेंबल होते हैं. वहां के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की गई है कि अगर कांवड़ ज्यादा ऊंची है तो उसे पहले ही रोका जाए. प्रशासन ने कांवड़ की ऊंचाई अधिकतम 10 फीट और चौड़ाई 12 फुट तय की है. कांवड़ पर लगे डीजे की आवाज 75 डेसीबल से ज्यादा नहीं होगी. बताया गया कि सिंचाई विभाग को नहर में संतुलित मात्रा में पानी छोड़ने और कांवड़ नहर पटरी का काम समय से रिपेयर करने को कहा गया है. बिजली विभाग से कहा गया है कि पोल और ट्रांसफॉमर पूरी तरह कवर्ड होने चाहिए.
भीड़ ज्यादा बढ़ी तो अलग से तैयारी
अधिकारियों ने बताया कि सभी राज्य के विभागों और सभी राज्यों के संबंधित अधिकारियों से वार्ता हुई है. पिछले साल कांवड़ियों की संख्या 4 करोड़ थी, इस बार उससे भी ज्यादा हो सकती है. राज्यों के अधिकारियों का एक वॉट्सऐप ग्रुप बनाया गया है. अलग-अलग जगहों पर अगर भीड़ बढ़ती है तो उसे लेकर अधिकारियों को अपडेट किया जाएगा. ट्रेनों के जरिए सफर करने वाले कांवड़ियों को लेकर रेलवे अफसरों से बात हुई है. कोई भी ट्रेन की छत पर सफर नहीं करेगा. आगरा, बरेली, मुरादाबाद में 23 तारीख के बाद भी भीड़ रहती है तो इसके लिए भी अफसरों को अलग से निर्देश दिए गए हैं.
बैठक के बाद मुख्य सचिव और डीजीपी ने मेरठ के सिद्धपीठ औघड़नाथ मंदिर में माथा टेककर और जलाभिषेक करे कांवड़ यात्रा सकुशल संपन्न होने की कामना की. परंपरा रही है कि कांवड़ के दौरान लखनऊ से आने वाले बड़े अधिकारी मेरठ के इस मंदिर में माथा टेकते हैं.
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