कोविड-19 के टीकों के परिवहन से जुड़े कार्य दिलाने के नाम पर लोगों से करता था ठगी, स्वास्थ्य मंत्रालय के दो कर्मियों समेत पांच गिरफ्तार

विभिन्न राज्यों में कोविड-19 के टीकों के परिवहन से जुड़े कार्य दिलाने के बहाने लोगों को कथित तौर पर 15 करोड़ रुपये का चूना लगाने को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के दो कर्मियों समेत पांच व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है.

कोविड-19 के टीकों के परिवहन से जुड़े कार्य दिलाने के नाम पर लोगों से करता था ठगी, स्वास्थ्य मंत्रालय के दो कर्मियों समेत पांच गिरफ्तार

नई दिल्ली:

विभिन्न राज्यों में कोविड-19 के टीकों के परिवहन से जुड़े कार्य दिलाने के बहाने लोगों को कथित तौर पर 15 करोड़ रुपये का चूना लगाने को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के दो कर्मियों समेत पांच व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने रविवार को बताया कि दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने हर्मेन सभरवाल (43), गोविंद तुलसियान (52), दीपराणा तिवारी (32), त्रिलोक सिंह (53) और मृत्युंजय राय (44) को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बताया कि सिंह स्वास्थ्य मंत्रालय में स्थायी विविध कार्य कर्मचारी (एमटीएस) है, जबकि तिवारी संविदा कर्मचारी (एमटीएस) है. पुलिस बयान में कहा गया है, ‘‘ राय सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) से गृह मंत्रालय में प्रतिनियुक्ति पर है तथा निर्माण भवन में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में एक स्वागत अधिकारी है.'' पुलिस के मुताबिक, सुनील कौशिक एवं अन्य व्यक्तियों से कई शिकायतें मिलने के बाद जांच शुरू की गयी. शिकायकर्ताओं ने आरोप लगाया कि कोविड टीकों के परिवहन से जुड़े कार्य दिलाने के बहाने उनसे 15 करोड़ रुपये ठग लिये गए.

पुलिस का कहना है कि सभी शिकायतों में पीड़ितों ने ठगने का तौर-तरीका एक जैसा बताया है. उसने कहा कि सभी शिकायतकर्ताओं ने दावा किया है कि टीकों के परिवहन से जुड़ी दस्तावेजी प्रक्रिया पूरी करने के लिए उन्हें परिवार एवं स्वास्थ्य मंत्रालय के सम्मेलन कक्ष में बिठाया गया था. पुलिस के मुताबिक, प्राथमिक जांच के बाद मामला दर्ज किया गया और ईओडब्ल्यू ने जांच अपने हाथों में ली. उनके अनुसार छह शिकायतें सामने आयी हैं जिनमें ठगी गयी कुल रकम 15 करोड़ रुपये है.

विशेष पुलिस आयुक्त (अपराध) रवींद्र सिंह यादव ने कहा कि पिछले साल मई में जांच में खुलासा हुआ था कि आरोपी शिकायतकर्ताओं के संपर्क में आये थे. पुलिस ने कहा कि शिकायतकर्ताओं का विश्वास जीतने के लिए आरोपी उन्हें मध्य दिल्ली में निर्माण भवन में स्थित स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में ले गये थे. विशेष पुलिस आयुक्त ने कहा, ‘‘ आरोपियों ने खुद को मंत्रालय के अधिकारी के रूप में पेश किया और फर्जी दस्तावेजों पर शिकायतकर्ताओं के हस्ताक्षर लिए थे. उन्होंने शिकायतकर्ताओं से 15 करोड़ रुपये ऐंठ लिए.''

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अधिकारी ने कहा कि आरोपियों के बैंक खातों एवं अन्य विवरणों की जांच की गई है जिससे खुलासा हुआ कि उनमें बड़ी मात्रा में नकदी जमा की गई है. उन्होंने कहा, ‘‘ हर्मेन सभरवाल को अगरतला से गिरफ्तार किया गया, जहां वह एक होटल में छिपा हुआ था. अन्य आरोपियों को दिल्ली में गिरफ्तार किया गया. अन्य आरोपियों की भूमिका की जांच की जा रही है. '' पुलिस के अनुसार, सभरवाल एमबीए स्नातक है और वह एक मानव संसाधन (एचआर) कंपनी चला रहा था, जिसमें उसे नुकसान हुआ था. पुलिस के मुताबिक, तुलसियान स्टेबलाइजर विनिर्माण फैक्टरी का मालिक है.