
- तेलंगाना से बीजेपी विधायक टी राजा सिंह ने बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है.
- सिंह ने केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी को पत्र लिखकर इस्तीफे की सूचना दी है.
- भाजपा में नए अध्यक्ष की नियुक्ति से सिंह और बाकी कार्यकर्ताओं में निराशा है.
- सिंह ने आरोप लगाया कि पार्टी के भीतर कुछ नेता स्वार्थ के लिए निर्णय ले रहे हैं.
तेलंगाना में रामचंदर राव की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर संभावित नियुक्ति से नाराज विधायक टी. राजा सिंह ने केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी को सोमवार को पत्र लिखकर कहा कि वह पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं. वर्तमान में रेड्डी भाजपा की राज्य इकाई के प्रमुख हैं और पार्टी आलाकमान मंगलवार को नये अध्यक्ष की घोषणा कर सकता है. सिंह ने चिट्ठी में कहा है कि राज्य में पार्टी के नये प्रमुख की नियुक्ति का निर्णय न सिर्फ उनके लिए, बल्कि लाखों कार्यकर्ताओं, नेताओं और मतदाताओं के लिए भी झटका और निराशा लेकर आया है. उन्होंने हर उतार-चढ़ाव में पार्टी के साथ मजबूती से खड़े रहकर उसका साथ दिया है.
स्वार्थों के लिए किया गुमराह
राजा ने कहा, 'बहुत दुख के साथ मैंने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का फैसला किया है. किशन रेड्डी जी, मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया तेलंगाना विधानसभा के माननीय अध्यक्ष को सूचित करें कि टी. राजा सिंह अब भाजपा के सदस्य नहीं हैं.' सिंह ने आरोप लगाया कि तेलंगाना में कई योग्य वरिष्ठ नेता, विधायक और सांसद हैं, जिन्होंने भाजपा की मजबूती के लिए अथक मेहनत की है और जिनके पास पार्टी को आगे बढ़ाने के लिए ताकत, विश्वसनीयता और संपर्क हैं. दुर्भाग्य से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कुछ व्यक्तियों ने निजी स्वार्थों के लिए केंद्रीय नेतृत्व को गुमराह किया है तथा पर्दे के पीछे से नियंत्रण करते हुए निर्णय लिए हैं.
'मैं चुप नहीं रह सकता'
उन्होंने कहा, 'इससे न केवल जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं की कुर्बानियों की अवहेलना होती है, बल्कि पार्टी को अनावश्यक असफलताओं का सामना भी करना पड़ सकता है.' विधायक ने कहा कि वह एक समर्पित कार्यकर्ता रहे हैं और जनता के आशीर्वाद एवं पार्टी के समर्थन से लगातार तीन बार निर्वाचित हुए हैं. उन्होंने कहा, 'लेकिन आज, मेरे लिए चुप रहना या यह दिखावा करना मुश्किल हो रहा है कि सब कुछ ठीक है. यह व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के बारे में नहीं है, यह पत्र उन लाखों निष्ठावान भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों की पीड़ा और हताशा को दर्शाता है, जो खुद को दरकिनार और अनसुना महसूस करते हैं.'
पिछले साल आए थे विवादों में
गोशामहल से विधायक सिंह ने कहा कि भले ही वह पार्टी से अलग हो रहे हैं, लेकिन वह हिंदुत्व की विचारधारा और हिंदू धर्म एवं अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों की सेवा करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं. सिंह ने बाद में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि वह प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करने भाजपा कार्यालय गए थे. प्रदेश अध्यक्ष बनने लिए भाजपा राज्य परिषद के दस सदस्यों के समर्थन की आवश्यकता होती है.
सिंह ने आरोप लगाया कि उनकी उम्मीदवारी का समर्थन करने वाले कुछ सदस्यों को पार्टी के कुछ नेताओं ने धमकी दी है कि अगर सिंह का समर्थन किया तो उन्हें निलंबित कर दिया जाएगा. पिछले साल अगस्त में सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो में सिंह को 'इस्लाम और पैगंबर मोहम्मद' के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणियों को लेकर पार्टी से निलंबित कर दिया गया था, हालांकि बाद में यह वीडियो हटा दिया गया था.
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