उपहार सिनेमा में 1996 में बार्डर फिल्म के प्रदर्शन के दौरान आग लग गई थी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
उपहार हादसे मामले में सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हो सकती है. सुप्रीम कोर्ट को यह तय करना है कि गोपाल अंसल को जेल जाना होगा या राहत मिलेगी. गोपाल अंसल को 9 मार्च को सेरेंडर करना है. वहीं, इस मामले में अब पीडित भी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं.
पीडितों ने मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट 9 फरवरी के अपने आदेशों में संशोधन करे, जिसमें सुशील अंसल को राहत दी गई थी और उन्हें फौरन सेरेंडर कर जेल भेजा जाए. पहले सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई के लिए कहा था लेकिन सुनवाई टाल दी गई है. अब गोपाल के वकील सुप्रीम कोर्ट से बुधवार को ही सुनवाई के लिए अपील कर सकते हैं.
ये याचिका गोपाल अंसल की संशोधन वाली याचिका के बाद दाखिल की गई है. गोपाल अंसल ने इस मामले में जमानत के सिद्धांत की बात कहते हुए कहा है कि जो राहत उनके भाई सुशील अंसल को दी गई है वही उनको दी जाए. सुप्रीम कोर्ट ने पुनर्विचार याचिका में उनके मेडिकल हालात पर विचार नहीं किया जबकि सुशील अंसल के मामले में भी कोई मेडिकल रिकार्ड नहीं लगाया गया था.
दरअसल, गोपाल अंसल को 9 मार्च को सेरेंडर करना है और बुधवार 8 मार्च को सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस मामले को वही बेंच सुनेगी जिसने गोपाल अंसल को एक साल की सजा सुनाई है.
गोपाल अंसल ने सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री के उस फैसले को चुनौती दी है जिसमें उनकी याचिका को सुनवाई के लिए लिस्ट करने से इंकार किया है.
दरअसल 9 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने उपहार अग्नि कांड मामले में गोपाल अंसल को एक साल की सज़ा सुनाई थी. वही उनके भाई सुशील अंसल को स्वास्थ्य के आधार पर राहत दी थी.
गोपाल अंसल ने सुप्रीम कोर्ट से 9 फरवरी के आदेश में संशोधन की मांग की है. 9 फरवरी के आदेश के मुताबिक गोपाल अंसल को 9 मार्च को सरेंडर करना है. लेकिन गोपाल अंसल ने अपनी अर्जी में कहा है कि कोर्ट पहले उसकी अर्जी पर सुनवाई करे और जब तक अर्जी का निपटारा नहीं हो जाता तब तक सरेंडर करने की तारीख को बढ़ा दिया जाए.
गौरतलब है कि उपहार सिनेमा में 1996 में बार्डर फिल्म के प्रदर्शन के दौरान आग लग गई थी जिसमें 59 लोगों की मौत हो गई थी.
पीडितों ने मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट 9 फरवरी के अपने आदेशों में संशोधन करे, जिसमें सुशील अंसल को राहत दी गई थी और उन्हें फौरन सेरेंडर कर जेल भेजा जाए. पहले सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई के लिए कहा था लेकिन सुनवाई टाल दी गई है. अब गोपाल के वकील सुप्रीम कोर्ट से बुधवार को ही सुनवाई के लिए अपील कर सकते हैं.
ये याचिका गोपाल अंसल की संशोधन वाली याचिका के बाद दाखिल की गई है. गोपाल अंसल ने इस मामले में जमानत के सिद्धांत की बात कहते हुए कहा है कि जो राहत उनके भाई सुशील अंसल को दी गई है वही उनको दी जाए. सुप्रीम कोर्ट ने पुनर्विचार याचिका में उनके मेडिकल हालात पर विचार नहीं किया जबकि सुशील अंसल के मामले में भी कोई मेडिकल रिकार्ड नहीं लगाया गया था.
दरअसल, गोपाल अंसल को 9 मार्च को सेरेंडर करना है और बुधवार 8 मार्च को सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस मामले को वही बेंच सुनेगी जिसने गोपाल अंसल को एक साल की सजा सुनाई है.
गोपाल अंसल ने सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री के उस फैसले को चुनौती दी है जिसमें उनकी याचिका को सुनवाई के लिए लिस्ट करने से इंकार किया है.
दरअसल 9 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने उपहार अग्नि कांड मामले में गोपाल अंसल को एक साल की सज़ा सुनाई थी. वही उनके भाई सुशील अंसल को स्वास्थ्य के आधार पर राहत दी थी.
गोपाल अंसल ने सुप्रीम कोर्ट से 9 फरवरी के आदेश में संशोधन की मांग की है. 9 फरवरी के आदेश के मुताबिक गोपाल अंसल को 9 मार्च को सरेंडर करना है. लेकिन गोपाल अंसल ने अपनी अर्जी में कहा है कि कोर्ट पहले उसकी अर्जी पर सुनवाई करे और जब तक अर्जी का निपटारा नहीं हो जाता तब तक सरेंडर करने की तारीख को बढ़ा दिया जाए.
गौरतलब है कि उपहार सिनेमा में 1996 में बार्डर फिल्म के प्रदर्शन के दौरान आग लग गई थी जिसमें 59 लोगों की मौत हो गई थी.
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