उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में एक महिला को बैंक के लॉकर में कैश रखना बहुत महंगा पड़ गया. महिला का कहना है कि बैंक के लॉकर में रखे 18 लाख रुपयों में दीमक लग गई. लॉकर में नोटों की जगह दीमक खाए टुकड़े ही बचे हैं. महिला के आरोपों के बाद बैंक स्टाफ में खलबली मची है. फिलहाल बैंक ने महिला को लॉकर के नियमों और एग्रीमेंट का हवाला देकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया है. महिला से कहा गया है कि नियमों के मुताबिक लॉकर में कैश नहीं रखा जा सकता.
मुरादाबाद की अलका पाठक का दावा है कि उन्होंने बेटी की शादी के लिए बैंक के लॉकर में 18 लाख कैश रखे थे. दीमक लगने का खुलासा तब हुआ जब सोमवार को उन्हें बैंक की तरफ से केवाईसी के लिए बुलाया गया. इस दौरान उन्होंने खुद अपना लॉकर खोला था. नोटों की जगह उनके दीमक लगे टुकड़े देख महिला के होश उड़ गए.
अलका पाठक ने तुरंत इसकी सूचना बैंक स्टाफ को दी. ब्रांच मैनेजर से शिकायत करके उन्होंने अपनी रकम की भरपाई करने की मांग की है. इस घटना से बैंक अधिकारी भी हैरान रह गए. जब मीडिया ने उन पर जवाब देने के लिए दबाव डाला, तो बैंक कर्मचारियों ने कहा कि उन्होंने बैंक ऑफ बड़ौदा हेडक्वॉर्टर को रिपोर्ट भेज दी है.
वहीं, अलका पाठक का आरोप है कि बैंक अधिकारी उनसे कोई भी जानकारी शेयर नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "अगर मुझे बैंक से प्रतिक्रिया और समर्थन नहीं मिला, तो मैं इस मुद्दे को बढ़ाने के लिए मीडिया की मदद लूंगी."
अलका का कहना है कि उनका एक छोटा सा बिजनेस है. बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ाती हैं. सारी जमा-पूंजी लॉकर में रख दी थी. पहली बेटी की शादी का जो कैश, जेवर आदि था सब उसी में रखा था. अब दूसरी बेटी की शादी के लिए उसे निकालना था लेकिन उससे पहले ही ये घटना हो गई.
अलका पाठक ने कहा कि उन्हें मालूम नहीं नहीं था कि बैंक के लॉकर में कैश नहीं रखा जाता है. उन्होंने इस बारे में बैंक से कोई जानकारी नहीं ली थी और न ही कहीं इस बारे में पढ़ा था.
बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार, बैंक लॉकर में कैश, हथियार, खतरनाक पदार्थ जैसी चीजें नहीं रखा जा सकता. नियम के मुताबिक बैंक के लॉकर में गहने, दस्तावेज वगैरह रखा जा सकता है.
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