- कानपुर के रानीघाट में 16 वर्षीय छात्र आरव मिश्रा ने मानसिक तनाव के चलते फंदे से लटककर आत्महत्या की
- मृतक छात्र आरव को पिछले एक साल से शिजोफ्रेनिया नाम की मानसिक बीमारी थी, जिसमें मतिभ्रम की स्थिति होती है
- आरव ने सुसाइड नोट में लिखा कि सपनों में डरावने चेहरे उसे और परिवार को मारने की बात कहते थे
देशभर से खबरें सैकड़ों रोज सामने आती हैं, लेकिन कुछ ऐसी दुखद खबरें होती हैं, जो आदमी को झकझोर के रख देती हैं. कानपुर के एक घर में मां-बाप के इकलौते बेटे आरव मिश्रा के सुसाइड केस ने दुखी करने के साथ-साथ हैरान भी कर रहा है. 11वीं में पढ़ने वाला 16 साल का होनहार छात्र और अपने माता-पिता का गौरव एक बेटा फंदे पर लटककर जान दे देता है. माता-पिता के कंधे पर बेटे की लाश... इससे बड़ा बोझ क्या ही होगा. ये दुख भी उन्हें कचौट रहा है कि उस समय जब बेटे ने ये खौफनाक कदम उठाया वो घर पर नहीं भागलपुर में थे. मां बेटे के शव के पास लगातार रोते हुए बोलती रहीं काश तुमको छोड़कर ना जाते बेटे, लौट आओ. आप समझ सकते हैं. माता-पिता तो कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं हैं, लेकिन परिजनों ने बताया कि नाबालिग के सपने में भूत आते थे और भूत-प्रेत के डर से नाबालिग ने जान दे दी.सुनने वाले हैरान-परेशान की ऐसा कैसे हो सकता है, आधुनिक युग में जब दुनिया चांद पर पहुंच चुकी है तो किसी के साथ ऐसा भी कुछ हो सकता है, लेकिन एक बच्चा अपनी जिंदगी से चला गया. माता-पिता का इकलौता सहारा छिन गया तो समझ सकते हैं कि इस मामले की जांच कितनी जरूरी है. पुलिस का कहना है कि वे हर एंगल से जांच कर रहे हैं.
होनहार स्टूडेंट था आरव, शिक्षक भी हैरान
ये घटना कानपुर के कोहना थाना क्षेत्र के रानीघाट की है. छात्र ने सुसाइड नोट में लिखा कि उसे सपने में कुछ चेहरे दिखते थे, जो उसे खुद को या परिवार को मारने के लिए कहते थे.उसे उन आत्माओं से खतरा है, जो उस पर परिवार को मारने का दबाव बनाती हैं. बता दें कि आरव जैन इंटरनेशनल स्कूल में 11वीं का छात्र था.शिक्षक और बच्चे भी हैरान हैं, बताया जा रहा है कि वह क्लास का होनहार छात्र था.
दिवाली से पहले बहन को बताई थी पूरी बात
उधर, आरव के रिश्तेदार संजय पांडे ने बताया कि बच्चा दिमागी रूप से कुछ तकलीफ में था और इसी वजह से उसने सुसाइड कर लिया. उसके ऊपर कुछ ऊपरी चक्कर था. वह बताता था कि चार-चार चेहरे दिखते हैं. वे कहते हैं कि किसी को मार डालो या खुद मर जाओ. परिवार के लोग छठ पूजा के लिए भागलपुर गए हुए थे. बहन यूनिवर्सिटी में पढ़ने चली गई थी. उस समय घर में कोई नहीं था.उसने इस बीमारी के बारे में दीवाली से पहले अपनी बहन को बताया और बहन ने मां को बताया था.
लौट आओ बेटा... मां चीखती रहीं
मां-बाप और बहन का रो-रोकर बुरा हाल है. पोस्टमार्टम के बाद परिजन शव लेने पहुंचे तो मां चीख पड़ी. वह बिलखती रहीं कि हम तुमको छोड़कर क्यों गए.लौट आओ बेटा.हमारा तुम्हारे बिना कौन सहारा है. सच मां-बाप के लिए इससे बड़ा दुख पृथ्वी पर क्या ही होगा कि उनके सामने उनका बेटा चला जाए. रिश्तेदार और पड़ोसी उन्हें दिलासा दे रहे हैं, लेकिन अपने दिल के टुकड़े को इस तरह दुनिया से जाते देख वह कितने दुखी रहेंगे, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है.
पड़ोसियों की मदद से तोड़ा गया दरवाजा- पुलिस
कानपुर के एसीपी अमित चौरसिया ने बताया कि वह पिछले एक साल से मानसिक तनाव से गुजर रहा था. उसने अपनी बहन को बताया था कि उसे सपने में डरावने चेहरे दिखाई देते हैं, जो उससे कहते थे कि या तो खुद मर जाओ या अपने मां-बाप और बहन को मार डालो. घर में अकेले होने पर आरव ने ये खौफनाक कदम उठा लिया. बहन जब घर लौटी तो दरवाजा अंदर से बंद था. काफी आवाज देने के बाद भी जब दरवाजा नहीं खुला तो पड़ोसियों की मदद से दरवाजा तोड़ा गया तो अंदर आरव का शव फंदे से लटकता हुआ मिला. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक- कहा जा रहा है कि छात्र पिछले 1 साल से शिजोफ्रेनिया नाम की बीमारी से ग्रस्त था. इसमें मतिभ्रम होने की स्थिति होती है. इस बीमारी में इसमें जान देने और लेने की आदेशात्मक आवाजें सुनाई दे सकती हैं. पुलिस की जांच में ये भी पता चला है कि आरव ने इस बीमारी के बारे में 60 से 65 बार सर्च किया.वह खुद ही गूगल पर इस बीमारी के इलाज से जुड़ा सर्च कर रहा था.
आरव ने दोस्त को बताया, ये उसका आखिरी हफ्ता!
पिता आरव ने एनडीटीवी से एक्सक्लूसिव बातचीत में बताया की उनका बेटा इंग्लिश में 4 पेज का सुसाइड नोट छोड़कर गया था. वह अपने दोस्त को बताता रहता था कि उसका यह हफ्ता आखरी हफ्ता होगा. पिता ने अंग्रेजी में लिखे सुसाइड नोट के बारे में बताया कि बेटे ने लिखा था कि उसको 4-5 लोग आते हैं और कहते है कि अपने परिवार वालो को मार दो नही तो हम तुम्हे मार देंगे. पिता आलोक मिश्रा कोहना थाना आए और फोरेंसिक जांच के लिए जब्त किए गए मोबाइल और उसकी डायरी पुलिस से लेकर घर लौट गए.
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