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This Article is From Nov 29, 2013

यूपी : कर्ज में डूबे गन्ना किसान ने की आत्महत्या

गन्ना किसानों का प्रदर्शन

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में एक गन्ना किसान ने आत्महत्या कर ली है। बासटोली गांव के रहने वाले इस किसान ने मरने से पहले सुसाइड नोट छोड़ा है। इस नोट में लिखा है कि उसे गन्ने फसल से काफी घाटा हुआ था और वह खेती के लिए लिया गया कर्ज नहीं उतार पा रहा था, जिसकी वजह से वह आत्महत्या करने जैसा कदम उठा रहे हैं।

लखीमपुर खीरी के अलावा उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर, नरामपुर समेत कई जिलों के किसान गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाने को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि उन्हें उनकी फसल का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है।

उत्तर प्रदेश के रामपुर में भी गन्ना किसानों ने अपना विरोध जताने के लिए गन्ने की फसल को आग के हवाले कर दिया। यहां के किसानों ने करीब 3 से 4 एकड़ फसल को आग लगा दी। गन्ना किसानों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

किसानों का राज्य सरकार पर आरोप है कि वह गन्ना मिल मालिकों के हितों का ध्यान रख रही है और सरकार किसानों से किया गया वादा नहीं निभा रही है।

उत्तर प्रदेश के चीनी मिल मालिकों ने राज्य सरकार से गन्ने पर 55 रुपये प्रति क्विंटल की सब्सिडी मांगी है।

मिल मालिकों का कहना है कि वह 225 रुपये प्रति क्विंटल के रेट से ही गन्ना खरीद सकते हैं और इससे ज्यादा दाम देने के लिए सरकार को उन्हें सहयोग देना होगा।

मिल मालिकों की संस्था इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन ने साफ कहा है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाएंगी तब तक मिल में काम नहीं शुरू होगा।

वहीं केंद्रीय खाद्य मंत्री केवी थॉमस ने कहा कि केंद्र सरकार मिल मालिकों और किसानों को मदद देने को तैयार है। उन्होंने मिल मालिकों से मिल में जल्द काम शुरू करने की भी अपील की है।

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