यूपी के मंत्री राममूर्ति वर्मा की फाइल तस्वीर
लखनऊ:
उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री राममूर्ति वर्मा तथा पांच अन्य लोगों के खिलाफ शाहजहांपुर जिले में 'फेसबुक' पर मुखालिफ टिप्पणी करने पर एक पत्रकार को जलाकर मार डालने के आरोप में मंगलवार को मुकदमा दर्ज किया गया।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पत्रकार जागेन्द्र के बेटे राघवेन्द्र ने प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री राममूर्ति वर्मा, चौक थाने में तैनात निरीक्षक श्रीप्रकाश राय तथा गुफरान, आकाश गुप्ता, अमित प्रताप सिंह तथा भूरे नामक व्यक्तियों के खिलाफ अपने पिता की आग लगाकर हत्या करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया है।
उन्होंने बताया कि यह मुकदमा पत्रकार जागेन्द्र की मंगलवार रात अस्पताल में इलाज के दौरान मौत होने के बाद पुवायां थाने में धारा 302 (हत्या), 120 (बी) (साजिश रचने), 504 (जानबूझकर अपमान करने) तथा 506 (धमकाने) के तहत दर्ज कराया गया है।
मृत पत्रकार के परिजनों के मुताबिक, जागेन्द्र ने 'फेसबुक' पर की गई टिप्पणी में मंत्री पर इलाके में अवैध खनन तथा जमीनों पर जबरन कब्जे में संलिप्तता का आरोप लगाया था।
परिजनों का आरोप है कि गत 1 जून को सदर बाजार में आवास विकास कालोनी स्थित जागेन्द्र के घर में छापामार कार्रवाई के दौरान पुलिसकर्मियों ने उसे आग के हवाले कर दिया था। उसे गंभीर रूप से झुलसी हालत में लखनऊ के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
जागेन्द्र ने मरने से पहले अपने बयान में मंत्री राममूर्ति वर्मा पर उसे तथा उसके परिवार को आतंकित करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि मंत्री उसकी खोजी खबरों तथा फेसबुक पर टिप्पणियों से खासे खफा थे और उन्होंने अपने पद का इस्तेमाल करते हुए पुलिस की मदद से उनके परिवार को खौफजदा कर रखा है। पत्रकार ने आरोप लगाया था कि दरोगा श्रीप्रकाश राय द्वारा उसके घर में छापा मारे जाने के दौरान ही उसे आग लगाई गई थी।
जागेन्द्र ने दो दिन पहले ही उससे अस्पताल में मुलाकात करने आए पुलिस महानिरीक्षक (नागर सुरक्षा) अमिताभ ठाकुर को बताया था कि गत 28 अप्रैल को उसके घर के पास मंत्री के किसी गुर्गे ने उस पर हमला किया था, लेकिन उस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई थी।
ठाकुर ने बताया कि जागेन्द्र ने उन्हें बताया था कि मंत्री के अवैध खनन तथा जमीनों पर जबरन कब्जे में संलिप्तता का भंडाफोड़ करने पर उसे लगातार धमकाया जा रहा था।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पत्रकार जागेन्द्र के बेटे राघवेन्द्र ने प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री राममूर्ति वर्मा, चौक थाने में तैनात निरीक्षक श्रीप्रकाश राय तथा गुफरान, आकाश गुप्ता, अमित प्रताप सिंह तथा भूरे नामक व्यक्तियों के खिलाफ अपने पिता की आग लगाकर हत्या करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया है।
उन्होंने बताया कि यह मुकदमा पत्रकार जागेन्द्र की मंगलवार रात अस्पताल में इलाज के दौरान मौत होने के बाद पुवायां थाने में धारा 302 (हत्या), 120 (बी) (साजिश रचने), 504 (जानबूझकर अपमान करने) तथा 506 (धमकाने) के तहत दर्ज कराया गया है।
मृत पत्रकार के परिजनों के मुताबिक, जागेन्द्र ने 'फेसबुक' पर की गई टिप्पणी में मंत्री पर इलाके में अवैध खनन तथा जमीनों पर जबरन कब्जे में संलिप्तता का आरोप लगाया था।
परिजनों का आरोप है कि गत 1 जून को सदर बाजार में आवास विकास कालोनी स्थित जागेन्द्र के घर में छापामार कार्रवाई के दौरान पुलिसकर्मियों ने उसे आग के हवाले कर दिया था। उसे गंभीर रूप से झुलसी हालत में लखनऊ के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
जागेन्द्र ने मरने से पहले अपने बयान में मंत्री राममूर्ति वर्मा पर उसे तथा उसके परिवार को आतंकित करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि मंत्री उसकी खोजी खबरों तथा फेसबुक पर टिप्पणियों से खासे खफा थे और उन्होंने अपने पद का इस्तेमाल करते हुए पुलिस की मदद से उनके परिवार को खौफजदा कर रखा है। पत्रकार ने आरोप लगाया था कि दरोगा श्रीप्रकाश राय द्वारा उसके घर में छापा मारे जाने के दौरान ही उसे आग लगाई गई थी।
जागेन्द्र ने दो दिन पहले ही उससे अस्पताल में मुलाकात करने आए पुलिस महानिरीक्षक (नागर सुरक्षा) अमिताभ ठाकुर को बताया था कि गत 28 अप्रैल को उसके घर के पास मंत्री के किसी गुर्गे ने उस पर हमला किया था, लेकिन उस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई थी।
ठाकुर ने बताया कि जागेन्द्र ने उन्हें बताया था कि मंत्री के अवैध खनन तथा जमीनों पर जबरन कब्जे में संलिप्तता का भंडाफोड़ करने पर उसे लगातार धमकाया जा रहा था।
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