उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ (Azamgarh) और रामपुर (Rampur) लोकसभा सीटों के उपचुनाव के लिए प्रचार मंगलवार शाम समाप्त हो गया. ये दोनों सीटें राज्य के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के सांसदों क्रमशः अखिलेश यादव और आजम खान के विधानसभा के लिए निर्वाचित होने पर लोकसभा से इस्तीफा देने की वजह से रिक्त हुई हैं. जहां सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इन उपचुनाव में जीत हासिल कर सपा को उसके गढ़ माने जाने वाले इन क्षेत्रों में झटका देना चाहेगी, वहीं सपा अपने दोनों मजबूत किलों को अपने पास महफूज रखने की जी-तोड़ कोशिश करेगी.
प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा सीटों के उपचुनाव के लिए 23 जून को सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक मतदान होगा. चुनाव प्रचार के आखिरी दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामपुर में एक चुनावी सभा को संबोधित किया. इससे पहले सोमवार को उन्होंने आजमगढ़ में भी चुनावी सभाओं को संबोधित किया था.
आजमगढ़ में 1149 मतदान केंद्र और 2176 मतदान स्थल बनाए गए हैं, जहां 1838000 मतदाता हैं. भाजपा ने इस सीट के उपचुनाव में भोजपुरी अभिनेता दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' को एक बार फिर मैदान में उतारा है. समाजवादी पार्टी ने बदायूं के पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है. इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने पूर्व विधायक शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली पर दांव लगाया है. आजमगढ़ में कुल 13 उम्मीदवार इस उपचुनाव के मैदान में हैं.
आजमगढ़ लोकसभा क्षेत्र में यादव और मुस्लिम मतदाताओं का दबदबा है. यहां यादव वोटरों की तादाद 21प्रतिशत है जबकि मुस्लिम मतदाता 15प्रतिशत हैं. इसके अलावा 20प्रतिशत दलित तथा 18प्रतिशत अन्य पिछड़ा वर्ग के गैर यादव मतदाता हैं. वर्ष 2019 के पिछले लोकसभा चुनाव में सपा और बसपा ने गठबंधन कर चुनाव लड़ा था और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यहां से भाजपा प्रत्याशी दिनेश लाल यादव निरहुआ को तीन लाख 61 हजार मतों से परास्त किया था.
रामपुर लोकसभा क्षेत्र में 17 लाख से अधिक मतदाता हैं. यहां 50% हिंदू मतदाता और करीब 49% मुस्लिम वोटर हैं. वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में सपा उम्मीदवार आजम खां ने भाजपा प्रत्याशी जयाप्रदा को एक लाख नौ हजार 997 मतों के भारी अंतर से पराजित किया था. रामपुर लोकसभा उपचुनाव में सीधा मुकाबला सपा के आसिम राजा और भाजपा के घनश्याम सिंह लोधी के बीच है. लोधी पूर्व में आजम खां के करीबी थे. उन्होंने हाल ही में भाजपा का दामन थामा है.
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