इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court ) ने सोमवार को यूपी सरकार (UP government ) से उसके सभी मेडिकल कॉलेजों में सीनियर पदों (medical colleges senior post) को समय से भरने का निर्देश दिया है. हाईकोर्ट ने कहा कि खाली पदों से छात्रों की पढ़ाई पर असर पड़ रहा है.डॉक्टर यास्मीन उस्मानी की रिट याचिका पर आदेश पारित करते हुए जस्टिस आलोक माथुर ने निर्देश दिया कि इस आदेश की प्रति यूपी सरकार के प्रमुख सचिव (चिकित्सा शिक्षा) को भेजी जाए. याचिकाकर्ता डॉक्टर रेडियो डायग्नोसिस विभाग में प्रोफेसर हैं और सहारनपुर के शेख उल हिंद मौलाना महमूद हसन मेडिकल कॉलेज में कार्यरत हैं.
यूपी सरकार द्वारा 24 अगस्त, 2021 को पारित एक आदेश के तहत उन्हें सप्ताह में 4 दिन मेरठ के मेडिकल कॉलेज में काम करने और बाकी दो दिन सहारनपुर में काम करने का निर्देश दिया गया है.उस्मानी ने इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है. इसमें उनके वकील ने कहा कि इन दोनों मेडिकल कॉलेजों के बीच याचिकाकर्ता रेडियो डायग्नोसिस विभाग में अकेली प्रोफेसर हैं और उन्हें सप्ताह में दो बार 150 किलोमीटर लंबी यात्रा करनी पड़ती है.
इस याचिका का निपटारा करते हुए कोर्ट ने याचिकाकर्ता को दो हफ्ते के भीतर प्रमुख सचिव (चिकित्सा शिक्षा) के समक्ष नए सिरे से प्रत्यावेदन करने का निर्देश दिया और कहा कि इस पर कानून के मुताबिक विचार कर चार सप्ताह के भीतर निर्णय किया जाए और उसकी सूचना याचिकाकर्ता को दी जाए.
अदालत ने राज्य के मेडिकल कॉलेजों में रिक्त पदों को गंभीरता से लेते हुए कहा कि इन दो मेडिकल कॉलेजों में वरिष्ठ स्तर पर मौजूदा स्थिति यह बताती है कि यहां रेडियो डायग्नोसिस विभाग में प्रोफेसर के पद सहित वरिष्ठ कर्मचारियों की भारी कमी है. अदालत ने कहा कि इससे यह भी पता चलता है कि ऐसी स्थिति कम से कम 2018 से बनी हुई है और पिछले दो वर्षों में नई नियुक्तियों के लिए कोई खास कोशिश नहीं की गई और यदि कोशिश की भी गई तो पदों को भरा नहीं गया.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं