
- केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि भारत शिक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो चुका है.
- पीएम मोदी के नेतृत्व में जीएसटी में कर कटौती से सामान्य वर्ग को राहत
- शिक्षा मंत्री ने कांग्रेस को विचारों से दिवालिया पार्टी करार दिया है
देश की शिक्षा नीति, आर्थिक सुधार और राजनीति पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने NDTV संग खास बातचीत में कई अहम मुद्दों पर अपनी बेबाक राय रखी. उन्होंने साफ कहा कि भारत अब शिक्षा के लिए किसी भी देश पर निर्भर नहीं है, और नई पीढ़ी ने यूनिवर्सिटी चुनावों में राहुल गांधी को करारा जवाब दिया है. शिक्षा मंत्री ने कांग्रेस को “विचारों से दिवालिया” पार्टी बताया, वहीं जीएसटी को देश की अर्थव्यवस्था का अगला गेमचेंजर करार दिया. साथ ही उन्होंने छात्र आंदोलनों को लोकतंत्र का अभिन्न हिस्सा बताया और भरोसा जताया कि एनडीए एक बार फिर नीतीश कुमार के साथ जीत दर्ज करेगी. पीएम मोदी के विज़न, शिक्षा में सुधार, और वडनगर के प्रेरणा स्कूल जैसे प्रयासों पर भी खुलकर बात की
देश को जीएसटी में बदलाव का बड़ा तोहफा
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी ने 2011-12 में ही यह विज़न रखा था और आज हर क्षेत्र में इसे ज़मीन पर उतारा है. अलग-अलग राज्यों की कर व्यवस्था को एकजुट करके सामान्य वर्ग को राहत दी गई है. हाल ही में जीएसटी परिषद ने कर कटौती का बड़ा तोहफ़ा दिया है. शैक्षिक उपकरणों पर 0% टैक्स और पुस्तकों पर कर कटौती से छात्रों को सीधा लाभ मिल रहा है. IITs, IIITs और विश्वविद्यालयों का विस्तार हो रहा है. प्रधानमंत्री के पैतृक स्थान वडनगर में "प्रेरणा स्कूल" नई पीढ़ी के लिए राष्ट्रीयता और देशभक्ति की प्रेरणा का केंद्र बन चुका है. मोदी सरकार केवल नारे पर नहीं, बल्कि सुधार, परिवर्तन और प्रदर्शन (Reform, Transform, Perform) के सिद्धांत पर आगे बढ़ रही है.
इस बार लोगों की डबल दीवाली
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “पीएम मोदी ने हाल ही में कहा था कि इस बार दशहरा से दीवाली तक देश में दोगुना उत्साह देखने को मिलेगा. इसी भावना को साकार करते हुए हाल ही में जीएसटी परिषद ने कर कटौती का बड़ा तोहफा दिया है, जिससे आम लोगों को सीधी राहत मिली है.” मोदी सरकार एक सुधारवादी सरकार है, जिसकी प्राथमिकता निरंतर सुधार और आमजन की भलाई है. साल 2011-12 में ही प्रधानमंत्री ने ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन' का विज़न रखा था. यह केवल एक नारा नहीं था, बल्कि इसे हर क्षेत्र में ज़मीन पर उतारने के लिए ठोस रणनीति बनाई गई.” लोगों को सबसे ज़्यादा चिंता अपनी आमदनी और खर्च को लेकर होती है. सामान्य व्यक्ति चाहता है कि उसकी आमदनी से कम खर्च हो. इसी सोच को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री ने जीएसटी लागू किया. पहले अलग-अलग राज्यों में कर व्यवस्था थी, जिसे एकीकृत कर सरल बनाया गया और उसमें लगातार सुधार किए गए.”
शिक्षा क्षेत्र में सुधार: छात्रों को सीधा लाभ
केंद्रीय मंत्री ने शिक्षा क्षेत्र में किए गए सुधारों की सराहना करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री ने सामान्य वर्ग के बच्चों की शिक्षा को बढ़ावा दिया है. कई शैक्षिक उपकरणों पर 0% टैक्स लगाया गया है और पुस्तकों पर कर में कटौती की गई है. इससे शिक्षा पर होने वाला खर्च कम हुआ है.” उन्होंने बताया कि अब देश में IITs, IIITs और विश्वविद्यालयों का विस्तार हो रहा है. विदेशी विश्वविद्यालयों को भी भारत में आने की अनुमति दी जा रही है. “आज हमारे पास 4.5 करोड़ से अधिक उच्च शिक्षा के विद्यार्थी हैं, जिनमें से केवल 10 से 13 लाख ही विदेश जाते हैं. अब यह प्रतिभाएं देश में ही बनी रह रही हैं.”
कांग्रेस पर हमला: विचारों से दिवालिया पार्टी
कांग्रेस पार्टी पर तीखा हमला करते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा, “कांग्रेस के पास कोई रणनीति नहीं है. उनके मन में खेद है कि वे इतने अच्छे काम क्यों नहीं कर पाए. दशकों तक शासन करने के बावजूद उन्होंने लोगों की जिंदगी में सहूलियत नहीं दी. पिछले 11 सालों में मोदी सरकार ने आम लोगों की जिंदगी में सहूलियत लाई है.” उन्होंने कहा, “हम हर उम्र के लोगों की अपेक्षाओं को ध्यान में रखकर काम करते हैं, क्योंकि हमारे पास हर वर्ग के नेता हैं. कांग्रेस की अपेक्षा है कि वे हमें दबाएं और गाली दें, लेकिन ऐसा नहीं होने वाला है.”
रिफॉर्म, ट्रांसफॉर्म, परफॉर्म: मोदी सरकार का मूल मंत्र
इसके साथ ही शिक्षा मंत्री ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी रिफॉर्म भारत के नेता हैं, असल में उन्होंने हमेशा सुधार, परिवर्तन और प्रदर्शन में विश्वास किया है. नई टैक्स नीति और उसके प्रभाव को देखकर मैं उनका विशेष रूप से आभारी हूं, खासकर शिक्षा क्षेत्र के लिए.” उन्होंने बताया कि अब शिक्षा उपकरणों और किताबों पर 0% या न्यूनतम टैक्स लगाया गया है, जिससे छात्रों को सीधा लाभ मिल रहा है. इससे देश में और अधिक IITs, IIITs और विश्वविद्यालयों की स्थापना संभव हो रही है. भारत का स्टार्टअप सेक्टर लगातार प्रगति कर रहा है. यूरोप में कोई प्रतिबंध नहीं है, हमें भ्रम में नहीं रहना चाहिए। इसरो में चंद्रयान विकसित करने वाले छात्र भी भारत में ही पढ़े थे, कोई विदेश नहीं गया था.”
वडनगर का प्रेरणा स्कूल: राष्ट्रभक्ति की पाठशाला
पीएम मोदी के पैतृक स्थान वडनगर में बने ‘प्रेरणा स्कूल' को लेकर प्रधान ने कहा, “यह स्कूल नई पीढ़ी के लिए राष्ट्रभक्ति और राष्ट्रीयता की प्रेरणा का केंद्र बन चुका है. यहां 30 छात्रों का चयन किया गया है. 20 बाहरी और 10 गुजरात से, जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं.” उन्होंने बताया कि वडनगर एक ऐतिहासिक नगर है, जहां 3,000 वर्षों से लोग रह रहे हैं. “यहां हर चीज़ 1,000 वर्षों से भी अधिक पुरानी है. प्राचीन काल में सभी यात्री यहीं आते थे. चीनी से लेकर जैन धर्म तक, यही वह स्थान है जहाँ से प्रधानमंत्री का संबंध है.” भारत सरकार और गुजरात सरकार मिलकर इस स्कूल को नेतृत्व केंद्र के रूप में विकसित कर रही है, जो पिछले दो वर्षों से सफलता के साथ कार्य कर रहा है.
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