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This Article is From Mar 28, 2023

"उसे फांसी पर लटकाना चाहिए": अतीक अहमद पर कोर्ट के फैसले के बाद बोलीं पीड़ित की मां और पत्नी

Umesh Pal case: अतीक अहमद और उमेश पाल के बीच दुश्मनी 18 साल पुरानी थी. शुरुआत 25 जनवरी, 2005 में बसपा विधायक राजू पाल के मर्डर के साथ हुई थी. उमेश, राजू पाल मर्डर केस का चश्मदीद गवाह था.

उमेश पाल की पत्नी ने यूपी सरकार से सुरक्षा की मांग की है.

Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
28 फरवरी 2006 को हुआ था उमेश पाल का अपहरण.
1 मार्च 2006 को उमेश पाल ने अतीक के पक्ष में दी गवाही.
इस साल 24 फरवरी को हुई थी उमेश पाल की हत्या.
प्रयागराज:

उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर अतीक अहमद (Gangster Atiq Ahmed)को 17 साल पुराने उमेश पाल किडनैपिंग केस (Umesh Pal case)में उम्रकैद की सजा हुई है. प्रयागराज (इलाहाबाद) की MP-MLA कोर्ट ने गैंगस्टर को यह सजा सुनाई. पुलिस रिकॉर्ड में अतीक गैंग पर 101 मुकदमे दर्ज हैं. यह पहला मामला है, जिसमें अतीक को दोषी ठहराया गया और सजा मिली है. हालांकि, उमेश पाल का परिवार अतीक अहमद की उम्रकैद की सजा से खुश नहीं है. उमेश पाल की मां और पत्नी का कहना है कि गैंगस्टर को फांसी पर लटकाया जाना चाहिए.

अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए उमेश पाल की मां शांति देवी ने कहा कि वह चाहती हैं कि अतीक अहमद को मौत की सजा दी जाए. शांति देवी ने कहा, "मेरे बेटे का अपहरण हुए 18 साल हो गए. वह एक लड़ाकू था. मुझे अदालत पर भरोसा है. मेरे बेटे की हत्या के लिए अतीक अहमद को मौत की सजा दी जानी चाहिए."

18 साल पुरानी थी दुश्मनी
अतीक अहमद और उमेश पाल के बीच दुश्मनी 18 साल पुरानी थी. शुरुआत 25 जनवरी, 2005 में बसपा विधायक राजू पाल के मर्डर के साथ हुई थी. उमेश, राजू पाल मर्डर केस का चश्मदीद गवाह था.

पत्नी बोलीं- मेरी सुरक्षा का ख्याल रखा जाए
वहीं, उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने कहा- 'मैं घर पर अकेली हूं. यूपी के मुख्यमंत्री से मांग करती हूं कि मेरी सुरक्षा का ख्याल रखा जाए. अतीक अहमद को अपहरण मामले में उम्रकैद की सजा कोर्ट ने सुनाई है. इस फैसले पर मैं कुछ नहीं कहना चाहती हूं. मेरे पति के मर्डर केस में अतीक को फांसी की सजा दिलाई जाए.'

इन दोषियों को भी हुई सजा
जज दिनेश चंद्र शुक्ल ने अतीक अहमद के अलावा खान सौलत हनीफ और दिनेश पासी को भी उम्रकैद की सजा सुनाई है. तीनों पर एक-एक लाख का जुर्माना भी लगाया गया है. यह रुपये उमेश के परिवार को दिए जाएंगे. वहीं, अतीक के वकील की ओर से  इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की बात कही गई है.

वकीलों ने लगाए-'फांसी दो, फांसी दो' के नारे
जब कोर्ट में अतीक को ले जाया गया, परिसर में वकीलों ने 'फांसी दो...फांसी दो' के नारे लगाए. नाराज लोगों का कहना था कि उसने (अतीक) उनके अधिवक्ता साथी उमेश की हत्या की है. इसलिए, उसे फांसी की सजा होनी चाहिए.
    
इसलिए हुई थी उमेश पाल की हत्या
यूपी पुलिस ने दावा किया है कि अतीक अहमद ने उमेश पाल की इसलिए हत्या कर दी, क्योंकि उमेश पाल ने 2005 में बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में उसे मुख्य आरोपी बनाया था. उमेश पाल का 2006 में अपहरण कर लिया गया था. बाद में उसे छोड़ दिया गया था. अपहरण मामले में सुनवाई के आखिरी दिन इसी साल 24 फरवरी को उसकी हत्या कर दी गई थी.

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