ब्रिटेन के सुरक्षा मंत्री टॉम टुगेंडहाट ने 'खालिस्तान समर्थक चरमपंथ' से निपटने के लिए और अपने देश की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए 95000 पाउंड (करीब एक करोड़ रुपये) के नए कोष का ऐलान किया है. ब्रिटिश उच्चायोग ने टुगेंडहाट की भारत की तीन दिवसीय यात्रा के मौके पर एक बयान में यह जानकारी दी है. ब्रिटेन में खालिस्तान समर्थक तत्वों की गतिविधियों में बढ़ोतरी को लेकर भारत में बढ़ती चिंताओं के बीच इस नए कोष का ऐलान किया गया है.
टुगेंडहाट सुरक्षा संबंधी पहलों पर द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने और जी20 की भ्रष्टाचार रोधी मंत्रीस्तरीय बैठक में शामिल होने के लिए भारत आए हैं.
शनिवार को होने वाली जी20 बैठक के लिए कोलकाता जाने से पहले टुगेंडहाट ने दिल्ली में विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी मुलाकात की.
उच्चायोग ने शुक्रवार को कहा, "गुरुवार को नई दिल्ली में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ एक बैठक के दौरान, टुगेंडहाट ने खालिस्तान समर्थक चरमपंथ से निपटने के लिए ब्रिटेन की क्षमता बढ़ाने के वास्ते नए कोष की घोषणा की."
इसमें कहा गया है कि 95,000 पाउंड का निवेश 'खालिस्तान समर्थक चरमपंथ' से उत्पन्न खतरे के बारे में सरकार की समझ को बढ़ाएगा और संयुक्त चरमपंथ कार्यबल के माध्यम से ब्रिटेन और भारत के बीच पहले से जारी संयुक्त कार्य को अनुकूल बनाएगा, जो सराहनीय है.
उन्होंने कहा, "हमारे दोनों देशों के बीच गहरी साझेदारी का मतलब है कि हम उन सुरक्षा खतरों से अधिक प्रभावी ढंग से निपट सकते हैं, जिनका हम दोनों सामना कर रहे हैं. मैं हर तरह के चरमपंथ के खिलाफ हमारी समझ और क्षमताओं को बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हूं."
मंत्री ने कहा कि उन्हें भारत की अध्यक्षता में भ्रष्टाचार रोधी जी-20 बैठक में शामिल होकर खुशी हो रही है. उन्होंने कहा, "भ्रष्टाचार हमारी समृद्धि को, हमारे समाज को नुकसान पहुंचाता है और हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालता है."
ब्रिटेन के मंत्री द्वारा नए कोष की घोषणा से जुड़े सवाल पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि यह ब्रिटेन का आंतरिक मामला है और उनके लिए इस पर टिप्पणी करना उचित नहीं होगा.
उन्होंने कहा, "निश्चित रूप से, हम ब्रिटेन की ओर से चरमपंथियों और कट्टरपंथियों के खिलाफ कार्रवाई करने की आवश्यकता पर जोर दे रहे हैं, खासकर उन लोगों के खिलाफ जो हिंसा भड़का रहे हैं और सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं."
बागची ने कहा कि लंदन में भारतीय मिशन की सुरक्षा से संबंधित मुद्दा, दोनों पक्षों के बीच जारी बातचीत का हिस्सा है.
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