महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य में मध्यावधि चुनाव कराने की मांग की है. राज्य में एकनाथ शिंदे गुट औऱ भाजपा की सरकार बनने के बाद यह पहला मौका था जब उद्धव ठाकरे ने सार्वजनिक तौर पर कोई संबोधन दिया हो. उन्होंने कहा कि मैं बागियों को शिवसेना के चिन्ह का इस्तेमाल नहीं करने दूंगा. मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि वो राज्य में मध्यावधि चुनाव करवाएं. अगर हमने गलत किया होगा तो जनता हमे घर भेज देगी. और अगर आपको यही करना था तो आपको ये ढाई साल पहले ही कर लेना चाहिए था. ऐसा कर लेते तो शायद आपको राज्य की सरकार गिराने के लिए ये सब नहीं करना पड़ता.
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उद्धव ठाकरे ने आगे कहा कि कोई भी शिवसेना का तीर-धनुष का चिन्ह नहीं ले सकता. हालांकि लोग सिर्फ चिन्ह को नहीं देखते हैं बल्कि ये भी देखते हैं कि आखिर उस चिन्ह को लिया किसने है. उन्होंने एकनाथ शिंदे और उनके साथ बागी विधायकों पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि आप लोग तब चुप रहे जब बीते ढाई साल बीजेपी के लोगों ने मुझे और मेरे परिवार के लोगों को गालियां दी. मुझे गाली दे रहे थे.
ठाकरे ने एकनाथ शिंदे से चुनौती भरे लहजे में कहा कि वे शिवसेना को चुनाव चिह्न छीनकर दिखाएं.‘उद्धव ठाकरे ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का 11 जुलाई का फैसला सिर्फ शिवसेना का ही नहीं बल्कि भारतीय लोकतंत्र का भविष्य भी तय करेगा.उन्होंने राज्य में मध्यावधि चुनाव की मांग की.
उद्धव ने अपने संबोधन में कहा, "बहुत दिन बाद आप सभी का मातोश्री में स्वागत है. आप सभी को सम्मान से यहां बुलाया है और बिना किसी देरी के आप यहां आए हैं और विश्वास है कि भविष्य में भी आप आएंगे. मैं आज आपसे दो तीन मुद्दों पर बात करने बुला रहा हूं. दो दिन में आशादी एकादशी है जिसमें लाखों लोग पंढरपुर जाएंगे और माऊली का दर्शन लेंगे. लोगों ने मुझसे भी कहा कि आप आइए, मैं आऊंगा लेकिन अभी नहीं. लेकिन दो तीन मुद्दों पर आज बात करना है. आज मैंने किसी को यहां बुलाया नहीं, पिछले 15 दिनों से बहुत कार्यकर्ता आ रहे हैं, उनसे बात करते समय सभी के आंखों में आंसू है." शिवसेना प्रमुख का एक बात है जिसे याद रखना चाहिए, उनसे पूछा गया था कि आपको बुरा नहीं लग रहा, तब उन्होंने कहा कि मछली के आंखों के आंसू किसी को दिखाई नहीं देते हैं.
उन्होंने कहा, "आपसे बात करने से पहले आज भी मेरी शक्ल पर मास्क था. कुछ दिन पहले मुझे कोविड था, नेगेटिव हुआ. तब डॉक्टर ने कहा कि पोस्ट कोविड परेशानी है क्या, मैंने कहा जो परेशानी मुझे है वो शायद किसी को नहीं है." शिवसेना के चिन्ह धनुष्य बाण को लेकर लेकर कहा, "मैंने सभी को कहा कि धनुष-बाण हमारी है वो हमसे कोई नहीं ले सकता. लेकिन लोग सिर्फ धनुष-बाण नही, किसके पास वो चिन्ह है वो देखते हैं.
पिछले कुछ समय से क्या कुछ हुआ वो भी हमने हमारे कार्यकर्ताओं को हमने बताया. शिवसेना का धनुष्य बाण हमसे कोई नहीं ले सकता. ठाकरे ने कहा, "तस्वीरें आ रही हैं कि इतने पार्षद चले गए, लेकिन अब महानगरपालिका चल नहीं रहा है, यह सभी फिलहाल कार्यकर्ता हैं, पार्षद नहीं. दिन ब दिन कार्यकर्ता आ रहे हैं, उस दिन महिला कार्यकर्ता आए, उनकी आंखों में आंसू थे. मुझे अभिमान है कि शिवसेना ने बिना कुछ देखे छोटे, सादे लोगों को हमने बड़ा किया है.जो लोग बड़े हुए, वो चले गए लेकिन जो सादे लोग हैं वो हमारे साथ ही हैं."
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