उत्तर प्रदेश में पिछले 10 दिनों के दौरान बलात्कार की करीब 20 वारदात के बाद राज्य की अखिलेश यादव सरकार विपक्ष के निशाने पर है। मुख्य विपक्षी दल बीएसपी ने बदायूं में दो लड़कियों के बलात्कार और उनकी हत्या के मामले में सीबीआई जांच की मांग की है। बीएसपी प्रमुख मायावती ने बदहाल कानून-व्यवस्था को लेकर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की भी मांग की है।
खबर है कि बदायूं में नाबालिग बच्चियों के साथ हुए जुल्म की साजिश के मामले के आरोपी एक सिपाही और एक हवलदार को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। इन दोनों पुलिसकर्मियों को राज्य सरकार ने पहले सस्पेंड कर दिया था। पुलिस ने मामले के एक और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। इसके साथ ही अब तक इस मामले में तीन आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
उधर, फिरोजाबाद जिले के रसूलपुर में सिरसागंज के मौजूदा एसएचओ और दो कॉन्सटेबलों पर नाबालिग से बलात्कार करने का मामला दर्ज किया गया है। यह मामला दिसंबर, 2012 का है। सीजेएम कोर्ट ने इन तीनों के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया। आरोपों के मुताबिक पीड़ित लड़की अपने पिता के साथ पुलिस थाने गई थी, जहां एसएचओ और दो कॉन्सटेबलों ने उसके साथ बलात्कार किया था।
वहीं, इटावा में बलात्कार पीड़ित बच्ची की मां की आरोपी के पिता ने बुरी तरह से पिटाई की, जिससे वह बुरी तरह से घायल हो गई। आरोपी पीड़ित की मां पर मामला वापस लेने का दबाव बना रहा था।
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