नई दिल्ली:
भारतीय वायुसेना को शनिवार को दो नई महिला फाइटर पायलट मिलीं. राजस्थान के राजगढ़ की प्रतिभा और वाराणसी की शिवांगी सिंह भी अब फाइटर पायलट बन गई हैं. हैदराबाद के डुंडीगल में हुई कंबाइंड ग्रेजुएशन परेड में कुल 105 फ्लाइंग ऑफिसर्स मिले. नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लाम्बा की मौजूदगी में इन दोनों समेत कुल 13 महिला अधिकारियों को वायुसेना में कमीशन प्रदान किया गया.
बतौर फाइटर पायलट शिवांगी और प्रतिभा का चयन जुलाई में ही वायुसेना में हो गया था. इसके बाद दोनों की ट्रेनिंग पश्चिम बंगाल के कलाईकुंडा एयरफोर्स स्टेशन में हुई. बेशक इन दोनों का चयन लड़ाकू विमान के लिए हो गया है लेकिन अभी उसके लिए इन्हें और ट्रेंनिंग से गुजरना पड़ेगा. हालांकि नियम के मुताबिक़ पायलट बनने के चार साल तक महिलाएं गर्भवती नहीं हो सकती हैं. प्रतिभा के पिता छोटूराम राजस्थान पुलिस की सेवा से रिटायर हो चुके हैं, जबकि मां उर्मिला देवी टीचिंग जॉब में हैं.
यह भी पढ़ें : यूपी की शुभांगी स्वरूप इंडियन नेवी की पहली महिला पायलट बनीं
इनसे पहले मोहना सिंह, अवनि चतुर्वेदी और भावना कण्ठ का पहले बैच में चयन हुआ था जो इन दिनों कर्नाटक के बीदर एयरबेस में ट्रेनिंग कर रही हैं. जल्द ही ये फाइटर प्लेन उड़ाएंगी. वायुसेना के पास फिलहाल डेढ़ हज़ार महिलाकर्मी हैं. इससे पहले वायुसेना में महिलाएं केवल ट्रांसपोर्ट विमान उड़ाती रही हैं या फिर ग्राउंड ड्यूटी से जुड़े कामकाज करती रही हैं. माना जा रहा है कि महिलाओं के फाइटर पायलट बनने से समाज में उनके प्रति सोच में फर्क़ आएगा. हालांकि अभी भी थल सेना और नौसेना में महिलाओं को कॉम्बैट रोल नहीं दिया गया है.
VIDEO: पूरा हुआ सपना : फाइटर पायलट बनीं 3 महिला ऑफिसर
बतौर फाइटर पायलट शिवांगी और प्रतिभा का चयन जुलाई में ही वायुसेना में हो गया था. इसके बाद दोनों की ट्रेनिंग पश्चिम बंगाल के कलाईकुंडा एयरफोर्स स्टेशन में हुई. बेशक इन दोनों का चयन लड़ाकू विमान के लिए हो गया है लेकिन अभी उसके लिए इन्हें और ट्रेंनिंग से गुजरना पड़ेगा. हालांकि नियम के मुताबिक़ पायलट बनने के चार साल तक महिलाएं गर्भवती नहीं हो सकती हैं. प्रतिभा के पिता छोटूराम राजस्थान पुलिस की सेवा से रिटायर हो चुके हैं, जबकि मां उर्मिला देवी टीचिंग जॉब में हैं.
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इनसे पहले मोहना सिंह, अवनि चतुर्वेदी और भावना कण्ठ का पहले बैच में चयन हुआ था जो इन दिनों कर्नाटक के बीदर एयरबेस में ट्रेनिंग कर रही हैं. जल्द ही ये फाइटर प्लेन उड़ाएंगी. वायुसेना के पास फिलहाल डेढ़ हज़ार महिलाकर्मी हैं. इससे पहले वायुसेना में महिलाएं केवल ट्रांसपोर्ट विमान उड़ाती रही हैं या फिर ग्राउंड ड्यूटी से जुड़े कामकाज करती रही हैं. माना जा रहा है कि महिलाओं के फाइटर पायलट बनने से समाज में उनके प्रति सोच में फर्क़ आएगा. हालांकि अभी भी थल सेना और नौसेना में महिलाओं को कॉम्बैट रोल नहीं दिया गया है.
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