महिलाएं चाहे तो आसमान भी छू सकती हैं. भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) की महिला फाइटर पायलटों (Women Fighter Pilots) ने ये साबित कर दिखाया है. इन महिलाओं का कहना है कि हर महिला को सपना देखने का पूरा हक है और उसे पूरा करने की भरसक कोशिश करनी चाहिए और आसानी से हार नहीं माननी चाहिए. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day) के मौके पर भारतीय वायु सेना की तीन महिला फाइटर फ्लाइंग ऑफिसर अंजली, फ्लाइंग लेफ्टिनेंट मोहना सिंह और फ्लाइंग लेफ्टिनेंट भावना कंठ से NDTV इंडिया ने खास बात की. इनका कहना है कि पहले हमने उड़ने के सपने देखे. यही सोचा भी था, अब जब सपना पूरा हुआ तो बहुत संतुष्टि मिल रही है.
यह सवाल जब पूछा कि क्या वे अपने पुरुष पायलटों से किसी मायने में कमतर हैं, तो वह कहती हैं कि हमको मौका मिला तो हमने साबित कर दिखाया. हमारे यहां कोई भेद नहीं, कोई अंतर नहीं. इनका कहना है कि वो पुरूषों से किसी मामले में कम नहीं हैं. जिन चुनौतियों का वो सामना करते हैं वो हम भी करते हैं. आज महिलायें पूरी क्षमता के साथ जिम्मेदारी निभाती हैं. वह यह भी कहती हैं कि अभी भले महिलाएं कॉम्बैट रोल में कम हैं लेकिन यह देर से फैसला लिया गया. इसको लेकर समाज में अभी जागरूकता भी कम है. बेशक अभी वायुसेना में केवल 10 महिला पायलट हैं पर आने वाले वक्त में 100 होंगीं. वायुसेना में अभी 13 फीसदी महिलाएं हैं, पर अब तादाद धीरे-धीरे बढ़ रही है.
फ्लाइंग ऑफिसर अंजली सुखोई फ्लाई करती हैं तो लेफ्टिनेंट मोहना सिंह और फ्लाइंग लेफ्टिनेंट भावना कंठ मिग 21 बाइसन उड़ाती हैं. इस पर ये महिला पायलट कहती हैं कि बड़े जहाज हम अपने कंधों पर फ्लाई नहीं करते. मशीन अपना काम करती है. जो हमें सिखाया गया है, हम उसी के मुताबिक काम करते हैं. वायुसेना की महिला पायलट कहती हैं कि वर्दी पहनने के बाद हमें जिम्मेदारी और ड्यूटी का एहसास है और मौका पड़ा तो देश के लिये अपनी जान लगा देंगे.
फिलहाल वायुसेना में कुल 10 महिला फाइटर पायलट हैं. वायुसेना में 2016 में पहली बार तीन महिला फाइटर पायलट बनीं. पहले बैच में फ्लाइंग लेफ्टिनेंट अवनी चतुर्वेदी, फ्लाइंग लेफ्टिनेंट मोहना सिंह और फ्लाइंग लेफ्टिनेंट भावना कंठ कुल तीन महिला फाइटर पायलट बनीं. इन महिलाओं का कहना है कि हर लड़की को सपने देखना चाहिए, कोई भी सपना छोटा नहीं होता. सपने बड़े देखने चाहिए. बात जब सपनों को पूरा करने की हो तो उसकी कोई सीमा नहीं होती. कभी हार नहीं मानना चाहिए. एक दिन सपने जरूर पूरे होंगे. इसके लिए पूरी कोशिश करनी चाहिए.
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