नई दिल्ली:
अमेरिका के ओक क्रीक के एक गुरुद्वारे में रविवार को हुई गोलीबारी के छींटे दिल्ली तक भी पहुंचे हैं। इस हादसे में दो भाई रंजीत सिंह और सीता सिंह भी मारे गए।
अब दिल्ली में बसा उनका परिवार सरकार से मदद की गुहार लगा रहा है। एनडीटीवी से बातचीत में रंजीत सिंह की पत्नी ने अपील की कि भारत सरकार उनके शवों को भारत लाने के लिए जल्दी पहल करे।
सरदार रंजीत सिंह के परिवार को उनके भारत लौटने का इंतज़ार था। उन्होंने बताया था कि उन्हें ग्रीन कार्ड मिलने जा रहा है और वह दिवाली तक भारत आएंगे। लेकिन आई उनकी मौत की ख़बर। वह और उनके छोटे भाई सीता सिंह ओक क्रीक हमले में मारे गए। दोनों भाई गुरद्वारे में भजन कीर्तन करते थे।
रंजीत सिंह पिछले 16 साल से अमेरिका में रह रहे थे। उन्हीं के भेजे पैसों से पत्नी और तीन बच्चों का उनका परिवार चल रहा था।
इस हमले ने सिखों की पुरानी यादों को ताज़ा कर दिया है। अमेरिका में सिखों पर अब तक का यह सबसे बड़ा हमला है। इस हमले ने 9/11 के बाद जिस तरह अमेरिका के अलग−अलग शहरों में सिखों पर हमले हुए थे, उनकी याद फिर ताज़ा कर दी है।
ज़ाहिर है अमेरिका का सिख समुदाय हमले के बाद से हिला हुआ है। इसके असर से उबरने में लंबा वक्त लगेगा।
अब दिल्ली में बसा उनका परिवार सरकार से मदद की गुहार लगा रहा है। एनडीटीवी से बातचीत में रंजीत सिंह की पत्नी ने अपील की कि भारत सरकार उनके शवों को भारत लाने के लिए जल्दी पहल करे।
सरदार रंजीत सिंह के परिवार को उनके भारत लौटने का इंतज़ार था। उन्होंने बताया था कि उन्हें ग्रीन कार्ड मिलने जा रहा है और वह दिवाली तक भारत आएंगे। लेकिन आई उनकी मौत की ख़बर। वह और उनके छोटे भाई सीता सिंह ओक क्रीक हमले में मारे गए। दोनों भाई गुरद्वारे में भजन कीर्तन करते थे।
रंजीत सिंह पिछले 16 साल से अमेरिका में रह रहे थे। उन्हीं के भेजे पैसों से पत्नी और तीन बच्चों का उनका परिवार चल रहा था।
इस हमले ने सिखों की पुरानी यादों को ताज़ा कर दिया है। अमेरिका में सिखों पर अब तक का यह सबसे बड़ा हमला है। इस हमले ने 9/11 के बाद जिस तरह अमेरिका के अलग−अलग शहरों में सिखों पर हमले हुए थे, उनकी याद फिर ताज़ा कर दी है।
ज़ाहिर है अमेरिका का सिख समुदाय हमले के बाद से हिला हुआ है। इसके असर से उबरने में लंबा वक्त लगेगा।
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