नई दिल्ली:
ऐसा बहुत कम होता है जब दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर फतह करने निकली दोनों टीमों को जीत मिले, लेकिन थल सेना की टीमों ने यह संभव कर दिखाया है।
19 और 20 मई को सेना के दल पहुंचे सर्वोच्च चोटी पर
लेफ्टिनेंट कर्नल रणवीर जामवाल की अगुवाई में पहली छह सदस्यीय टीम ने 19 मई को और फिर मेजर मिर्जा जाहिद बेग की अगुवाई में दूसरी सात सदस्यीय टीम ने 20 मई को माउंट एवरेस्ट को फतह किया। पूरी टीम को दो भागों में इसलिए बांटा जाता है कि अगर मौसम या फिर किसी कारणवश एक टीम अपने मिशन को पूरा न कर पाए तो दूसरी टीम उस अधूरे मिशन को पूरा करे।
सेना प्रमुख ने दी बधाई
8,848 मीटर की ऊंचाई पर स्थित एवरेस्ट पर सेना का दो साल बाद यह पहला अभियान था क्योंकि नेपाल में आए भूकंप के बाद एवरेस्ट अभियान को बंद कर दिया गया था। सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह ने इस उपलब्धि पर टीम को बधाई दी। सेना प्रमुख ने रोमांच के जज्बे, मानसिक और शारीरिक मजबूती व सभी पर्वतारोहियों के कौशल के स्तर को भी सराहा। एवरेस्ट पर चढ़ाई करते हुए सेना के पर्वतारोही।
19 और 20 मई को सेना के दल पहुंचे सर्वोच्च चोटी पर
लेफ्टिनेंट कर्नल रणवीर जामवाल की अगुवाई में पहली छह सदस्यीय टीम ने 19 मई को और फिर मेजर मिर्जा जाहिद बेग की अगुवाई में दूसरी सात सदस्यीय टीम ने 20 मई को माउंट एवरेस्ट को फतह किया। पूरी टीम को दो भागों में इसलिए बांटा जाता है कि अगर मौसम या फिर किसी कारणवश एक टीम अपने मिशन को पूरा न कर पाए तो दूसरी टीम उस अधूरे मिशन को पूरा करे।
सेना प्रमुख ने दी बधाई
8,848 मीटर की ऊंचाई पर स्थित एवरेस्ट पर सेना का दो साल बाद यह पहला अभियान था क्योंकि नेपाल में आए भूकंप के बाद एवरेस्ट अभियान को बंद कर दिया गया था। सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह ने इस उपलब्धि पर टीम को बधाई दी। सेना प्रमुख ने रोमांच के जज्बे, मानसिक और शारीरिक मजबूती व सभी पर्वतारोहियों के कौशल के स्तर को भी सराहा।
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