भारत में ट्विटर की पब्लिक पॉलिसी निदेशक (Twitter's Public Policy Director India) महिमा कौल (Mahima Kaul Resign) ने पद से त्यागपत्र दे दिया है. ट्विटर का कहना है कि महिमा कौल मार्च के अंत तक अपनी जिम्मेदारी संभालती रहेंगी और कार्य परिवर्तन में मदद करेंगी.ट्विटर (Twitter) ने यह भी कहा कि महिमा कौल अपनी निजी जिंदगी पर ध्यान केंद्रित करना चाहती हैं.
महिमा कौल ट्विटर की की पब्लिक पॉलिसी डायरेक्टर (इंडिया एवं साउथ एशिया) की निदेशक हैं, जिन्होंने निजी कारणों से जनवरी में अपना पद छोड़ दिया था. ट्विटर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. हालांकि वह मार्च तक अपनी आधिकारिक जिम्मेदारी निभाती रहेंगी. ट्विटर का कहना है कि महिमा ने अपनी पर्सनल लाइफ पर फोकस करने के लिए यह ब्रेक लिया है. यह ट्विटर के लिए नुकसान है. लेकिन पांच साल लंबी भूमिका के बाद हम अपने करीबियों और पारिवारिक संबंधों पर ध्यान केंद्रित करने की इच्छा का सम्मान करते हैं. ट्विटर पब्लिक पॉलिसी उपाध्यक्ष मोनिक मेचे ने कहा कि मार्च तक महिमा अपनी पद की जिम्मेदारियों का निर्वहन करती रहेंगी.
महिमा के इस्तीफे की जानकारी ऐसे वक्त सामने आई है, जब किसान आंदोलन के दौरान विदेशी हस्तियों के ट्वीट को लेकर भारत में बवंडर मचा हुआ है. ट्विटर ने नवंबर 2020 में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का ट्विटर हैंडल कुछ वक्त के लिए ब्लॉक कर दिया था. जनवरी में जब संसदीय समिति की बैठक हुई थी तो ट्विटर के अधिकारियों से पूछा गया था कि किन वजहों से केंद्रीय गृह मंत्री के अकाउंट को ब्लॉक किया गया है.
ट्विटर के लिए भारत तीसरा सबसे बड़ा बाजार है. अमेरिका और जापान क्रमशः पहले और दूसरे स्थान पर है. भारत में ट्विटर के करोड़ों यूजर्स हैं, इनमें अभिनेता, खिलाड़ी, सरकारी अधिकारी, राजनेता और अन्य शख्सियत भी शामिल हैं.
केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते ट्विटर को बेहद कड़ा पत्र लिखा था, जिसमें करीब 250 अकाउंट को एकतरफा कार्रवाई करते हुए अनब्लॉक गर दिया गया था. इन ट्विटर अकाउंट को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में आपत्तिजनक हैशटैग के साथ ट्ववीट करने के मामले में ब्लॉक करने के लिए सरकारी एजेंसियों की ओर से ट्विटर को निर्देशित किया गया था. इसमें माकपा नेता मोहम्मद सलीम, मीडिया संगठनों के कुछ लोग भी शामिल थे.
इन ट्विटर अकाउंट से फर्जी, दहशत फैलाने वाले और भड़काऊ ट्वीट भी किए गए थे. केंद्र सरकार ने कहा है कि ट्विटर ने सरकार के आदेश का पालन नहीं किया.इस पत्र में कहा गया था कि सोशल मीडिया कंपनी खुद को कोर्ट मानकर किसी आदेश की अवहेलना नहीं कर सकती. ट्विटर को लोक व्यवस्था को बिगाड़ने वाले भड़काऊ कंटेंट को रोकने के लिए सरकारी एजेंसियों के दिशानिर्देशों का पालन करना ही होगा.
(फाइल)
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