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केंद्र सरकार से टकराव के बीच कोर्ट पहुंचा ट्विटर, 10 खास बातें

Twitter Row : सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर ने कंटेंट को लेकर भारत सरकार के कुछ आदेशों को वापस लेने की मांग उठाई है.

Twitter और केंद्र सरकार के बीच नए आईटी नियमों को लेकर मतभेद ( प्रतीकात्‍मक फोटो)

नई दिल्‍ली:

Twitter Row : सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर ने कंटेंट को लेकर भारत सरकार के कुछ आदेशों को वापस लेने की मांग उठाई है. मामले से जुड़े एक सूत्र ने यह जानकारी देते हुए बताया कि कंपनी ने इसे अधिकारियों की ओर से सत्‍ता का दुरुपयोग बताते हुए इसे कानूनी तौर पर चुनौती दी है.

मामले से जुड़ी 10 खास बातें

  1. केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने ट्वीट किया, "भारत में सभी विदेशी इंटरनेट इंटरमीडिएट्रीज/प्‍लेटफॉर्म्‍स को अदालत और न्‍यायिक समीक्षा का अधिक है लेकिन यहां काम करने वाले सभी intermediary/platforms को देश के कानूनों/नियमों का पालन करना होगा."
  2. कर्नाटक हाईकोर्ट में मंगलवार को दाखिल अपनी याचिका में ट्विटर ने कहा कि सरकार, राजनीतिक दलों के हैंडल द्वारा पोस्‍ट किए गए कुछ कंटेंट पर रोक चाहती है. ट्विटर का तर्क है कि यह अभिव्‍यक्ति की आजादी का उल्‍लंघन है.
  3. भारत में दो करोड़ 30 लाख (23 million) ट्विटर यूजर्स है और यह कंपनी का तीसरा सबसे बड़ा मार्केट है. 
  4. अमेरिका स्थित माइक्रो ब्‍लॉगिंग साइट की ओर विवादित कंटेंट (सामग्री) की न्‍यायिक समीक्षा के प्रयास को केंद्र सरकार के साथ उसके टकराव के हिस्‍से के तौर पर देखा जा रहा है. ट्विटर ने बड़े पैमाने पर सामग्री हटाने के सरकार के आदेशों का पूरी तरह पालन नहीं किया है.
  5. ट्वटिर ने तर्क देते हुए कहा है कि यह आदेश मनमाने हैं और सत्‍ता के दुरुपयोग को दर्शाते हैं. 
  6. ट्विटर का मानना है कि खाते के आधार पर ब्‍लॉकिंग सैद्धांतिक रूप से असंगत उपाय है और यह संविधान के तहत यूजर्स के अधिकारों का उल्लंघन है. खासतौर पर तब, जब यूआरएल और अकाउंट को ब्‍लॉक करने का कारण सेक्‍शन 69A को भी पूरी तरह संतुष्‍ट नहीं करता. इसका तर्क है, यहां तक कि इलेक्‍ट्रानिक्‍स और आईटी मंत्रालय ने भी कहा है कि यूजर का पूरे अकाउंट का हटाना आखिरी उपाय होना चाहिए.  
  7. केंद्र सरकार ने 28 जून को ट्विटर को पत्र लिखकर चार जुलाई तक आदेशों का पालन करने को कहा था. साथ में यह भी कहा था कि ऐसा न करने में की स्थिति में intermediary के तौर पर कानूनी संरक्षण (legal shield)गंवा देंगे.
  8.  कानूनी संरक्षण (legal shield)को गंवाने के मायने हैं कि ट्विटर के अधिकारियों पर यूजर्स की ओर से आईटी नियमों के उल्‍लंघन पर जुर्माना लगाया जा सकेगा और सात वर्ष तक की जेल हो सकेगी. ट्विटर ने कुछ ब्‍लॉकिंग आदेशों को कोर्ट में चुनौती दी है.   
  9. भारतीय अधिकारियों की ओर से ट्विटर से पिछले एक साल में एक स्‍वतंत्र सिख राष्‍ट्र के समर्थन वाले अकाउंट्स और ऐसे दर्जनों ट्वीट्स पर कार्रवाई करने को कहा था जिसमें कोविड-19 महामारी से निपटने के मामले में सरकार की आलोचना की गई थी. 
  10. ट्विटर के इस कानूनी कदम पर सरकार ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि सोशल मीडिया को जवाबदेह बनाना बेहद जरूरी है.आईटी मंत्री अश्विनी वैष्‍णव ने कहा, " सोशल मीडिया की जवावदेही वैश्‍विक स्‍तर पर वैध सवाल बन गई है. इसे जवाबदेह ठहराना बेहद महत्‍वपूर्ण है." 

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