तुषार गांधी.
नई दिल्ली:
महात्मा गांधी के पौत्र तुषार गांधी ने राष्ट्रपिता की हत्या की दोबारा जांच का सोमवार को विरोध किया, लेकिन सर्वोच्च अदालत ने पूछा कि इस मामले में उनका पक्षकार बनने का क्या आधार है. तुषार गांधी की ओर से वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह द्वारा इस मामले में पक्षकार बनाए जाने की मांग पर न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने उनसे अधिस्थिति स्पष्ट करने को कहा.
इसके जवाब में जयसिंह ने हत्या की दोबारा जांच करने वाले याचिकाकर्ता की अधिस्थिति पर सवाल उठाए. जयसिंह ने कहा कि महात्मा गांधी की हत्या के 70 साल बाद मामले की दोबारा जांच नहीं की जा सकती. उन्होंने कहा कि यह बुनियादी आपराधिक कानून है.
अदालत ने मामले की सुनवाई चार सप्ताह के लिए स्थगित कर दी क्योंकि सलाहकार (एमीकस क्यूरी) अमरेंद्र शरण ने अदालत को बताया कि उन्हें राष्ट्रीय अभिलेखागार से कुछ दस्तावेज मिले हैं, लेकिन अभी पूरे दस्तावेज मिलने बाकी हैं.
इसके जवाब में जयसिंह ने हत्या की दोबारा जांच करने वाले याचिकाकर्ता की अधिस्थिति पर सवाल उठाए. जयसिंह ने कहा कि महात्मा गांधी की हत्या के 70 साल बाद मामले की दोबारा जांच नहीं की जा सकती. उन्होंने कहा कि यह बुनियादी आपराधिक कानून है.
अदालत ने मामले की सुनवाई चार सप्ताह के लिए स्थगित कर दी क्योंकि सलाहकार (एमीकस क्यूरी) अमरेंद्र शरण ने अदालत को बताया कि उन्हें राष्ट्रीय अभिलेखागार से कुछ दस्तावेज मिले हैं, लेकिन अभी पूरे दस्तावेज मिलने बाकी हैं.
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