हिट एंड रन कानून में 'सजा बढ़ाने' के खिलाफ ट्रक चालकों का विरोध प्रदर्शन

ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि कोई भी जानबूझकर दुर्घटना नहीं करता है. ड्राइवरों को डर है कि अगर वे घायलों को अस्पताल ले जाने की कोशिश करेंगे, तो भीड़ द्वारा उनकी पिटाई की जा सकती है.

नई दिल्ली:

हिट एंड रन कानून में सज़ा की अविध बढ़ाने को लेकर देश भर के ट्रक ड्राइवरों ने विरोध प्रदर्शन किया. दरअसल नए कानून के तहत, भागने और घातक दुर्घटना की सूचना न देने पर ड्राइवरों को 10 साल तक की जेल हो सकती है. इससे पहले, आईपीसी की धारा 304ए (लापरवाही से मौत) के तहत आरोपी को केवल दो साल तक की जेल हो सकती थी. 

सजा की अविध बढ़ाने को लेकर हरियाणा के जींद में आज प्राइवेट बस ऑपरेटर हड़ताल पर चले गए हैं, तो वहीं ऑटो चलाने वालों ने भी नए कानून के खिलाफ नया मोर्चा खोल दिया है.

राजेंद्र कपूर, ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन अध्यक्ष (President, Delhi Goods Transport Organisation) ने रोड ऐक्सिडेंट के नए कानून पर बातचीत करते हुए कहा कि ये एक तुगलकी फरमान है. ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन का इसमें सुझाव नहीं लिया गया.  हमेशा गलती बड़ी गाड़ी वाले की मानी जाती है, और सड़क दुर्घटना के बाद ट्रक और बस ड्राइवर को पीट भी दिया जाता है, अब ऐसे में ड्राइवर तो अपनी जान बचाएगा ही. अब सभी ड्राइवर नौकरी छोड़ कर जा रहे है, क्योंकि उनका कहना है कि इससे अच्छा हम मजदूरी ही कर ले.  10 साल की सजा होगी और 7 लाख राशि देनी होगी, एक ड्राइवर अब कहां से इतना पैसा लाएगा. 

उन्होंने आगे कहा कि ऑल इंडिया मोटर एंड गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के सभी मुख्य पदाधिकारी 2 जनवरी 2024 को एक वर्चुअल मीटिंग करेंगे. अगर सरकार कोई हेल्पलाइन नंबर जारी कर देती है. जिसमें सड़क दुर्घटना के बाद ड्राइवर या उसका मालिक दुर्घटना की जानकारी दे तो उसपर ये कानून लागू ना हो.

इस नए कानून के विरोध में ट्रक चालकों ने कल पश्चिम बंगाल के हुगली जिले में NH-2 को अवरुद्ध कर दिया था.

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