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This Article is From Feb 13, 2023

Tripura Assembly Election 2023: कौन हैं सीएम पद की दौड़ में शामिल CPM नेता जितेंद्र चौधरी ?

जितेंद्र चौधरी आदिवासी समुदाय के माकपा के शीर्ष नेताओं में से एक हैं, और त्रिपुरा में वाम-कांग्रेस गठबंधन के सत्ता में आने की स्थिति में उन्हें मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार के रूप में देखा जा रहा है. 

Tripura Assembly Election 2023: कौन हैं सीएम पद की दौड़ में शामिल CPM नेता जितेंद्र चौधरी ?
(फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) के महासचिव अजय कुमार ने कहा कि अगर वाम-कांग्रेस गठबंधन त्रिपुरा के आगामी विधानसभा चुनाव में सत्ता में आता है तो मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी(माकपा) का कोई वरिष्ठ आदिवासी नेता ही राज्य का मुख्यमंत्री बनेगा. त्रिपुरा की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए 16 फरवरी को होने वाला चुनाव माकपा और कांग्रेस संयुक्त रूप से लड़ रहे हैं.

अजय कुमार ने उनाकोटि जिले के कैलाशहर में संयुक्त चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘ अगर हम चुनाव के बाद सत्ता में आते हैं, तो माकपा के एक शीर्ष आदिवासी नेता व 'माटी पुत्र' राज्य के मुख्यमंत्री होंगे.'' जितेंद्र चौधरी आदिवासी समुदाय के माकपा के शीर्ष नेताओं में से एक हैं, और त्रिपुरा में वाम-कांग्रेस गठबंधन के सत्ता में आने की स्थिति में उन्हें मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार के रूप में देखा जा रहा है. 

बता दें कि जितेंद्र चौधरी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के सदस्य हैं. उन्होंने 2019 में बीजेपी के रेवती त्रिपुरा के खिलाफ हारने से पहले त्रिपुरा पूर्व (लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र) से 2014 का भारतीय आम चुनाव जीता था.

साल 1958 में 27 जून को जन्मे जितेंद्र चौधरी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के वर्तमान राज्य महासचिव हैं. 2018 में 22वीं कम्युनिस्ट पार्टी कांग्रेस में, उन्हें केंद्रीय समिति के सदस्य के रूप में चुना गया था. वे जीएमपी (पार्टी के स्वदेशी त्रिपुरी विंग) के वर्तमान अध्यक्ष हैं. साथ ही वे एआईकेएस के संयुक्त सचिव भी हैं, जो पार्टी की किसान शाखा है. वह आदिवासी अधिकार राष्ट्रीय मंच (एएआरएम) के राष्ट्रीय संयोजक हैं. 

1993 में, चौधरी मनु एसटी निर्वाचन क्षेत्र से त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के लिए सीपीआई (एम) के उम्मीदवार के रूप में चुने गए और उन्होंने चुनाव जीता. वे दशरथ देब मंत्रालय में 1993 से 1998 तक वन और उद्योग, वाणिज्य, खेल मंत्री रहे. वे 1998 से 2014 तक माणिक सरकार मंत्रालय में वन और उद्योग, वाणिज्य, खेल मंत्री भी रहे. 2014 के भारतीय आम चुनाव में वे त्रिपुरा पूर्व (लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र) से जीते और त्रिपुरा से 16वीं लोकसभा के सदस्य बने. हालांकि, 2019 में वो चुवाव हार गए.

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