
केरल के कन्नूर की एक अदालत ने एक बीजेपी कार्यकर्ता की हत्या के आरोप में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) के नौ कार्यकर्ताओं को दोषी पाया. हत्या का यह मामला अगस्त 2005 का है. जब सीपीएम छोड़कर बीजेपी में आए 32 साल के एलंबिलाई सूरज की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में 12 लोगों पर आरोप लगा था. इन 12 आरोपियों में से दो की मुकदमे की सुनवाई के दौरान मौत हो गई और एक को बरी कर दिया गया. जिला सत्र न्यायालय सोमवार को सजा की अवधि पर फैसला करेगा. दोषी ठहराए गए लोगों में केरल के मुख्यमंत्री पिनराई वियजन के प्रेस सचिव का भाई भी शामिल है.
कौन कौन ठहराए गए हैं दोषी
थालास्सेरी के प्रधान जिला और सत्र न्यायालय के न्यायाधीश केटी निसार अहमद ने दोषी ठहराया. अदालत दोषियों को सजा की अवधि पर सोमवार को सुनवाई करेगी. दोषी पाए गए लोगों में टीके राजेश भी शामिल है, जो 2012 के सीपीएम के बागी टीपी चंद्रशेखरन हत्या मामले में पहले से ही जेल की सजा काट रहा है. वो सीएम विजयन के प्रेस सचिव पीएम मनोज के भाई हैं. जिला और सत्र अदालत ने सीपीएम के पूर्व स्थानीय सचिव और एडक्कड पंचायत के पूर्व अध्यक्ष प्रभाकरन मास्टर और सीपीएम की स्थानीय समिति के दो सदस्यों केवी पद्मनाभन और मनोम्बेथ राधाकृष्णन को भी दोषी ठहराया है.
राजनीतिक प्रतिद्वदिता में हुई हत्या
अभियोजन पक्ष के मुताबिक सीपीएम छोड़कर बीजेपी में शामिल होने के बाद राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण सूरज की हत्या कर दी गई थी. सूरज ने 2003 में सीपीएम पार्टी छोड़कर बीजेपी की सदस्यता ले ली थी. विशेष लोक अभियोजक पी पद्मराजन ने कहा कि हत्या से एक साल पहले, सूरज एक अन्य हत्या के प्रयास में बच गए थे. इसमें उन्हें गंभीर चोटें आई थीं. सीपीएम के स्थानीय नेता प्रभाकरन, पद्मनाभन और राधाकृष्णन (जिन्हें हत्या के मामले में दोषी पाया गया) उस मामले में भी आरोपी थे.पहले हमले के बाद सूरज अस्वस्थ हो गए थे. स्वस्थ्य होने के बाद सूरज को दोबारा निशाना बनाकर मार डाला गया.
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