आदिवासी नेता मंतुराम पवार ने आरोप लगाया है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह (Raman Singh), पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी (Ajit Jogi), उनके बेटे अमित समेत कई लोगों ने दवाब डालकर तथा सात करोड़ रूपए की पेशकश कर उनसे अंतागढ़ उपचुनाव से नाम वापस कराया था. पवार वर्ष 2014 में अंतागढ़ विधानसभा सीट में हुए उपचुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी थे और मतदान से पहले उन्होंने अचानक नाम वापस ले लिया था. पवार ने शनिवार को स्थानीय अदालत में धारा 164 के तहत बयान दर्ज कराया और इस दौरान शपथ पत्र देकर रमन सिंह, अजीत जोगी, अमित जोगी तथा पूर्व मंत्री राजेश मूणत पर षड़यंत्र करने का गंभीर आरोप लगाया.
पवार ने शपथ पत्र में कहा है कि वर्ष 2014 तक वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य थे. वर्ष 2014 में उन्होंने अंतागढ़ उपचुनाव लड़ा था और इस दौरान भाजपा की ओर से भोजराज नाग प्रत्याशी थे. उन्होंने शपथ पत्र में कहा है कि अगस्त 2014 में अंतागढ़ उप चुनाव के दौरान उन्हें अमीन मेनन नामक एक व्यक्ति का फोन आया और उसके साथ फिरोज सिद्दीकी भी था.
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उन्होने उन्हें संदेश दिया कि पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, उनका बेटा अमित जोगी और तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह आपस में मिले हुए हैं. मंतुराम पवार ने कहा है कि अंतागढ़ उपुचनाव से पहले मेनन और फिरोज ने उनसे कहा था कि वह अजीत जोगी से बात कर लें. चुनाव से अपना नामांकन हटाने के लिए सात करोड़ रूपए में रमन सिंह, अजीत जोगी और अमित जोगी में बात हो चुकी है.
पवार ने कहा है कि इस दौरान मेनन और फिरोज ने कहा था कि भूपेश बघेल को अजीत जोगी पसंद नहीं करते हैं इसलिए वह बघेल को चुनाव में सबक सिखाना चाहते हैं. इसके बाद फिरोज ने रमन सिंह से बात भी करवाई थी. उन्होंने कहा है कि 29 अगस्त 2014 को कांकेर जिले के पुलिस अधीक्षक ने झीरम घाटी जैसा परिणाम भुगतने की भी धमकी दी थी. इसके बाद उनपर दबाव डालकर अंतागढ़ उपचुनाव से नाम वापस कराया गया. इस दौरान कुछ दिनों तक उन्हें बंधक बनाकर भी रखा गया था.
मंतुराम पवार ने शपथपत्र में यह भी आरोप लगाया है कि रमन सिंह, अजीत जोगी और अमित जोगी ने अंतागढ़ उपचुनाव को प्रभावित किया और उनका (पवार) नाम खराब किया गया. पवार ने कहा है कि तत्कालीन मंत्री राजेश मूणत ने अपने घर से मेनन और फिरोज को सात करोड़ रुपए दिया था. लेकिन उन्होंने (पवार) कभी भी इसके लिए पैसा नहीं लिया. इस संबंध में वह किसी भी जांच के लिए तैयार हैं. उन्होंने रमन सिंह, अजीत जोगी और अमित जोगी के खातों की भी जांच की मांग की है.
मंतुराम पवार ने पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर अपने और परिवार की सुरक्षा की मांग की है. पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा है कि इस पूरे प्रकरण से मेरा कोई लेना देना नहीं है. वर्ष 2014 के बाद पहली बार इस घटना में राजनीतिक षड़यंत्र के तहत् मेरे नाम को उछाला गया है, चूंकि दंतेवाड़ा उप चुनाव नजदीक है इस कारण कांग्रेस की सोची समझी रणनीति के तहत मंतुराम पवार पर दबाव बनाकर यह बयान करवाया गया है.
रमन सिंह ने कहा है कि मंतुराम पवार द्वारा पूर्व में विभिन्न न्यायालयों में शपथ पत्र पर बयान दिया गया है कि उन्होंने स्वेच्छा से अपना नामांकन वापस वापस लिया था और इस प्रकरण में पैसों का किसी तरह से कोई लेन देन नहीं हुआ था.
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