चुनाव...मतलब लोकतंत्र का महापर्व, ये त्योहार तब और भी खूबसूरत लगने लगता है, जब लोग बढ़ चढ़कर इसमें हिस्सा लेते हैं. हमारे देश में तीन जेंडर्स हैं, जिनमें महिला, पुरुष और तीसरा लिंग यानी कि थर्ड जेंडर (Third Gender Voters) शामिल हैं. मेरा देश बदल रहा है, क्यों कि अब ट्रांसजेंडर वोटर्स भी पहले की तुलना में बड़ी संख्या में घरों से निकलकर वोट डालने पोलिंग बूथ पहुंचने लगे हैं. साल 2014 के बाद से ये बड़ा बदलाव देखने को मिला है. जब से चुनाव आयोग (Election Commission) ने थर्ड जेंडर को एक अलग जेंडर के रूप में रजिस्टर्ड किया है, तब से ये आंकड़ा बढ़ने लगा है.
ट्रांसजेंडर्स बढ़-चढ़कर डाल रहे वोट
- अब थर्ड जेंडर मतदाता भी लोकतंत्र के महापर्व में बढ़चढ़कर अपनी भागीदारी निभा रहे हैं.
- साल 2014 के आम चुनाव के बाद से थर्ड जेंडर काफी एक्टिव नजर आ रहे हैं.
- साल 2014 में चुनाव आयोग ने थर्ड जेंडर्स को एक अलग श्रेणी में रजिस्टर्ड करना शुरू किया, तब से वह मतदान में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं.
- बात अगर मौजूदा लोकसभा चुनाव के चरण वार मतदान की करें तो थर्ड जेंडर्स का वोटिंग प्रतिशत अब तक 18.7% और 34.2 % के बीच उतार-चढ़ाव का रहा है.
- साल 2019 और साल 2014 में थर्ड जेंडर मतदाताओं ने ओवरऑल 14.6% और 7% मतदान किया था. इस साल गोवा में सबसे ज्यादा थर्ड जेंडर वोटर्स ने मतदान किया है.
रंग ला रही चुनाव आयोग की कोशिश
चुनाव आयोग ने 2024 लोकसभा चुनाव को ज्यादा समावेशी बनाने की कोशिश वोटर्स रजिस्ट्रेशन स्टेज से ही शुरू कर दी थी. चुनाव आयोग विकलांगों, थर्ड जेंडर्स, वरिष्ठ नागरिकों और खासकर कमजोर वर्गों जैसे आदिवासी समूहों के नामांकन पर खास ध्यान दे रहा है. यही वजह है कि साल 2019 के चुनावों की तुलना में रजिस्टर होने वाले थर्ड जेंडर मतदाताओं की संख्या में 23% की बढ़ोतरी हुई है. वोटर्स लिस्ट में साल 2014 में 28,527 और साल 2019 में 39,075 थर्ड जेंडर वोटर्स थे, जो कि 16 मार्च, 2024 तक बढ़कर 48,044 हो गए.
हिचक को दूर कर पोलिंग बूथ पहुंच रहे ट्रांसजेंडर्स
बता दें कि सच्चाई सबके सामने न आए इस डर से थर्ड जेंडर वोटर्स ता यो महिलाओं या फिर पुरुष वोटर्स के रूप में खुद को रजिस्टर करवाना पसंद करते हैं. दरअसल वोटर लिस्ट एक सार्वजनिक दस्तावेज है. थर्ड जेंडर्स को सामाज आज भी आसानी से स्वीकार नहीं करता है. हालांकि, चुनाव आयोग के जमीनी स्तर पर उनकी मशीनरी को संवेदनशील बनाने और बढ़ती सामाजिक स्वीकार्यता के साथ थर्ड जेंडर वोटर्स अब न सिर्फ अलग श्रेणी के रूप में खुद को रजिस्टर करवाने के लिए आगे आ रहे हैं बल्कि अपना वोट डालने के लिए भी आगे आ रहे हैं.
ट्रांसजेंडर वोटर्स के मामले में गोवा अव्वल
थर्ड जेंडर्स को लेकर बात अगर उन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की करें, जहां पर सिर्फ एक ही चरण में वोटिंग हुई है तो गोवा सबसे अव्वल है. गोवा में सबसे ज्यादा 75% थर्ड जेंडर वोटर्स ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया है. इसके बाद पुडुचेरी 69.5% के साथ दूसरे नंबर पर है. सिक्किम में 66.7%, अंडमान में और निकोबार में 50%, आंध्र में 44.3%, केरल में 40.9%, तमिलनाडु में 32%, गुजरात में 30.8%, तेलंगाना में 30.2%, उत्तराखंड में 29.5%, दिल्ली में 28% और हरियाणा में 18.2% थर्ड जेंडर मतदाताओं ने वोट डाले हैं.
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