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This Article is From Sep 22, 2022

यूपी में पहचान पत्र बनने से ट्रांसजेंडर को मिलेगी नई जिंदगी, 63 किन्नरों को मिला पहचान पत्र

उत्तर प्रदेश में ट्रांसजेंडरों (किन्नरों) को पहचान पत्र दिए जाने की शुरुआत हुई है. प्रदेश के 249 ट्रांसजेंडरों (Transgenders) ने पहचान पत्र के लिए आवेदन किया है.

यूपी में पहचान पत्र बनने से ट्रांसजेंडर को मिलेगी नई जिंदगी, 63 किन्नरों को मिला पहचान पत्र
बीपीएल श्रेणी (BPL Category) के किन्नरों को सरकार की योजनाओं से लाभान्वित किया जा रहा है.
लखनऊ:

उत्तर प्रदेश में ट्रांसजेंडरों (किन्नरों) को पहचान पत्र दिए जाने की शुरुआत हुई है. प्रदेश के 249 ट्रांसजेंडरों (Transgenders) ने पहचान पत्र के लिए आवेदन किया है. जिसमें 63 को पहचान पत्र जारी कर दिया गया है और 186 का पहचान पत्र जारी किए जाने की प्रक्रिया चल रही है. यहीं नहीं, प्रदेश के हर जिले में ट्रांसजेंडर के 2 प्रतिनिधियों को पहचान प्रमाण पत्र बनवाने के लिए सम्मिलित कर समिति का गठन किया गया था, जिनके माध्यम से संबंधित जिले के जिला मजिस्ट्रेट पहचान प्रमाण पत्र बनवा रहे हैं. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने ट्रांसजेडर के पहचान पत्र के लिए पोर्टल (https:\\transgender.dosje.gov.in) बनाया था, जिस पर उत्तर प्रदेश के 249 ट्रांसजेंडरों ने आवेदन पत्र भरा है. 

दरअसल, सरकार ने पहले ही ट्रांसजेंडर किन्नर कल्याण बोर्ड का गठन किया था, जिसकी अध्यक्षता समाज कल्याण अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण मंत्री असीम अरुण कर रहे हैं. किन्नर कल्याण बोर्ड की उपाध्यक्ष सोनम किन्नर हैं. साल 2020 में केंद्र सरकार ने ट्रांसजेंडर नियम के प्रावधानों के अंर्तगत ट्रांसजेंडर के पहचान प्रमाण पत्र जारी किया था. इसके बाद अन्य राज्यों में भी इसकी शुरुआत हुई. इस दौरान किन्नर कल्याण बोर्ड की उपाध्यक्ष सोनम किन्नर ने बताया कि जिला स्तर पर कैंप लगाकर पोर्टल पर अधिक से अधिक पंजीकरण कराया जा रहा है. जो लोग पंजीकरण करवाने में असमर्थ हैं उनका भी पंजीकरण घर-घर जाकर किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ट्रांसजेंडर समुदाय की कॉलोनियों में रहने के स्थान को चिन्हित किया गया है. वहां रहने वाले बीपीएल श्रेणी (BPL Category) के किन्नरों को सरकार की योजनाओं से लाभान्वित किया जा रहा है. इस पहचान पत्र के जरिए ट्रांसजेंडरों को कई फायदे मिलेंगे. उन्हें शिक्षित करने के लिए विद्यालयों में प्रवेश दिलाया जाएगा.‌ 

इनकी सुरक्षा के लिए हर थाने में एक सुरक्षा सेल भी बनाया जाएगा. जहां पर उनकी शिकायतों का त्वरित निस्तारण किया जाएगा. इस पहचान पत्र से ट्रांसजेंडर बच्चों को मुफ्त शिक्षा प्रदान की जाएगी और प्रत्येक अस्पताल में ट्रांसजेंडरों के लिए 5 बिस्तरों वाला एक अलग वार्ड भी उपलब्ध कराया जा रहा है. यहीं नहीं सार्वजनिक स्थानों पर उनके लिए शौचालय की व्यवस्था की जा रही है.

 

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