उत्तर सिक्किम से कुल 176 सैलानियों को हवाई मार्ग से मंगलवार को निकाला गया. तीस्ता नदी में बाढ़ आने की वजह से यह क्षेत्र प्रभावित हुआ है. मुख्य सचिव वीबी पाठक ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इसके साथ, भारतीय वायु सेना (आईएएफ) द्वारा उत्तरी सिक्किम के लाचेन और लाचुंग शहरों से सोमवार से अब तक 26 विदेशियों सहित कुल 690 पर्यटकों को हवाई मार्ग से निकाला गया है. उन्होंने बताया कि पर्यटकों को पाकयोंग हवाईअड्डे तक लाने के लिए सोमवार को वायुसेना के सात हेलीकॉप्टर तैनात किए गए थे, जबकि मंगलवार को चार हेलीकॉप्टर तैनात किए गए थे.
पाठक ने कहा कि इसके अतिरिक्त, 499 लोगों - पर्यटकों और स्थानीय लोगों को परिवहन के अन्य साधनों द्वारा उत्तरी सिक्किम से मंगन में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां से वे सरकारी बसों और निजी टैक्सियों में गंगटोक के लिए रवाना हुए. उन्होंने कहा कि अब तक उत्तरी सिक्किम जिले से लगभग 1,200 लोगों को स्थानांतरित किया गया है. उन्होंने कहा कि उत्तरी सिक्किम में फंसे शेष पर्यटकों को बुधवार को निकाला जाएगा क्योंकि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान जताया है.
मुख्य सचिव ने कहा कि भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों ने स्थानीय लोगों और वहां तैनात सेना और आईटीबीपी कर्मियों के लिए उत्तरी सिक्किम में लगभग 58 टन राहत सामग्री पहुंचाई. उन्होंने कहा कि सबसे अधिक प्रभावित जिलों में से एक, उत्तरी सिक्किम के अधिकांश क्षेत्रों में दूरसंचार और बिजली बुनियादी ढांचे को बहाल कर दिया गया है. अचानक आई बाढ़ के लगभग एक हफ्ते बाद भी 76 लोग लापता हैं. सिक्किम और पश्चिम बंगाल के अधिकारियों के अनुसार, अब तक सिक्किम में 36 शव मिले हैं, जबकि पश्चिम बंगाल में नदी के किनारे विभिन्न स्थानों पर 41 शव मिले हैं. ल्होनाक हिमनद झील में बादल फटने से भारी मात्रा में पानी आया, जिससे तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आ गई.