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This Article is From Nov 26, 2020

'पंजाब का 26/11': किसानों के दिल्‍ली मार्च को रोकने को लेकर हरियाणा सरकार पर बरसे सुखबीर बादल

सुखबीर ने कहा, ऐसा कोई भी निर्णय जो किसानों को स्‍वीकार्य नहीं है और उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाता हो, उसे खत्‍म किया जाना चाहिए.

'पंजाब का 26/11': किसानों के दिल्‍ली मार्च को रोकने को लेकर हरियाणा सरकार पर बरसे सुखबीर बादल
किसानों के दिल्‍ली मार्च को लेकर सुखबीर बादल में कई ट्वीट किए हैं
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Summary is AI generated, newsroom reviewed.
किसान कानून के मसले पर एनडीए से बाहर हुआ है अकाली दल
कहा, हम लोकतांत्रिक तरीके से विरोध के हक का अंत देख रहे हैं
जो फैसला किसानों को स्‍वीकार्य नहीं, वह खत्‍म किया जाए
नई दिल्ली:

Farmers protest: शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Badal) ने नए कृषि कानूनों (Farm Laws) के विरोध में किसानों के 'दिल्‍ली चलो मार्च' को रोकने की हरसंभव कोशिश के लिए हरियाणा सरकार को आड़े हाथ लिया है. सुखबीर बादल ने इसे 'पंजाब का 26/11' करार दिया है. सुखबीर ने गुरुवार को ट्वीट किया, 'आज पंजाब का 26/11 है. हम लोकतांत्रिक तरीके से विरोध के अधिकार का अंत देख रहे हैं. अकाली दल, किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन के दमन के लिए हरियाणा सरकार और केंद्र सरकार की निंदा करता है.' अकाली दल, केंद्र की एनडीए सरकार का हिस्‍सा थी लेकिन किसान कानूनों का विरोध करते हुए उसने एनडीए से रिश्‍ता खत्‍म कर लिया था.गौरतलब है कि 12 साल पहले, आज ही के दिन 26 नवंबर 2008 को पाकिस्‍तान का समर्थन प्राप्‍त हथियारबंद आतंकियों ने मुंबई में कई स्‍थानों पर हमला किया था, इस हमले में 160 से अधिक निर्दोष लोगों की मौत हुई थी और सैकड़ों लोग घायल हुए थे.

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बादल ने इस मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी अपील की है. उन्‍होंने ट्वीट किया, 'मैं पीएम नरेंद्र मोदी से भी आग्रह करना चाहता हूं कि अहंकार और झूठे अभिमान के साथ खड़े नहीं रहें. ऐसा कोई भी निर्णय जो किसानों को स्‍वीकार्य नहीं है और उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाता हो, उसे खत्‍म किया जाना चाहिए. हमें यह सुनिश्चित करने की पूरी कोशिश करनी चाहिए कि अन्‍नदाता का भविष्‍य सुरक्षित हो.'

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गौरतलब है कि दिल्ली में विरोध प्रदर्शन के लिए ट्रैक्टरों और पैदल चलकर आ रहे पंजाब के हजारों किसानों को हरियाणा पुलिस ने अंबाला के पास रोक दिया है. इससे भाजपा शासित हरियाणा की पुलिस और किसानों के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो गई है. इस दौरान ईंट-पत्थर भी चले. किसानों को रोकने के लिए सड़कों और पुल पर बैरिकेड्स को लगाया गया था जिन्‍हें किसानों ने तोड़कर नदी में फेंक दिया. किसानों पर पुलिस ने ठंडे पानी की बौछार करने के अलावा आंसूगैस के गोले भी दागे. 'दिल्‍ली चलो मार्च' में पंजाब और हरियाणा समेत कुल छह राज्यों के किसान शामिल हैं. उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान और केरल के किसान भी आज और कल (गुरुवार और शुक्रवार) दिल्ली पहुंचकर किसान कानूनों के खिलाफ विरोध मार्च करने वाले हैं. किसानों के 500 संगठन इस विरोध मार्च में शामिल हैं. इस बीच दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने कोरोना वायरस संकट को देखते हुए किसानों को दिल्ली में किसी भी तरह के जमावड़े और रैली करने की इजाजत नहीं दी है.

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