- भाजपा नेता नवनीत राणा ने हिंदुओं से कम से कम तीन से चार बच्चे पैदा करने की अपील की है.
- राणा ने कहा कि ये लोग खुलेआम कहते हैं कि इनकी चार पत्नियां और 19 बच्चे हैं. हमें 3-4 बच्चे पैदा करने चाहिए.
- उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे बेबसी का पर्याय बन गए हैं. उनके साथ जुड़ता है तो उसका प्रदर्शन बदतर होगा.
भाजपा नेता नवनीत राणा ने मंगलवार को कहा कि हिंदुओं को कम से कम तीन-चार बच्चे पैदा करना चाहिए, जिससे उन लोगों की साजिशों का मुकाबला किया जा सके जो बड़ी संख्या में बच्चे पैदा करके हिंदुस्तान को पाकिस्तान में बदलना चाहते हैं. पूर्व निर्दलीय सांसद राणा ने पत्रकारों से कहा, “मैं सभी हिंदुओं से अपील करती हूं. सुनिए, ये लोग खुलेआम कहते हैं कि इनकी चार पत्नियां और 19 बच्चे हैं. मेरा सुझाव है कि हमें कम से कम तीन-चार बच्चे पैदा करने चाहिए.” वह एक सवाल का जवाब दे रही थीं.
राणा ने कहा,‘‘मुझे नहीं पता कि वह मौलाना है या कोई और, लेकिन उसने कहा कि उसके 19 बच्चे और चार पत्नियां हैं, लेकिन वह 30 बच्चों की संख्या पूरी नहीं कर पाया. वे बड़ी संख्या में बच्चे पैदा करके हिंदुस्तान को पाकिस्तान में बदलना चाहते हैं, तो हम सिर्फ एक बच्चे से क्यों संतुष्ट हो जाएं? हमें भी तीन से चार बच्चे पैदा करने चाहिए.''
#WATCH | Amravati, Maharashtra: BJP leader Navneet Rana says, "... I appeal to all the Hindus that if they (Muslims) are giving birth to 19 children, then we should give birth to 3 to 4 children in India. They are on the path to turn India into Pakistan..." (23.12) pic.twitter.com/ur3QHeJZyG
— ANI (@ANI) December 24, 2025
उद्धव-राज के गठबंधन को किया नजरअंदाज
उन्होंने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (उबाठा) और राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के बीच बृहन्मुंबई महानगर पालिका चुनाव के लिए गठबंधन की संभावनाओं को भाव नहीं दिया.नजरअंदाज किया.
उद्धव ठाकरे पर बरसीं नवनीत राणा
उन्होंने कहा,‘‘उद्धव ठाकरे बेबसी का पर्याय बन गए हैं. नगर परिषद और नगर पंचायत चुनावों के लिए उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं को प्रचार के लिए बाहर नहीं निकाला. अगर कोई उद्धव ठाकरे के साथ जुड़ता भी है, तो उसका प्रदर्शन स्थानीय निकाय चुनाव से भी बदतर होगा.''
बता दें कि महाराष्ट्र में अगले साल 15 जनवरी को बीएमसी सहित 29 नगर निगम चुनाव होने वाले हैं. यही कारण है कि सियासी बयानबाजी लगातार तेज होती जा रही है और दोनों ओर से नेता एक-दूसरे के खिलाफ लगातार बयानबाजी कर रहे हैं.
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