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आग, पानी, करंट और मौतें... दिल्ली में IAS के सपनों की ये कैसी परीक्षा?

दिल्ली के राजेंद्र नगर में स्थित इंस्टीट्यूट के बेसमेंट में जलभराव के बाद तीन छात्रों की डूबने से मौत हो गई. पुलिस ने क्रिमिनल केस के तहत FIR दर्ज कर ली है. 2 लोगों को हिरासत में लिया गया है, उनसे पूछताछ चल रही है.

आग, पानी, करंट और मौतें... दिल्ली में IAS के सपनों की ये कैसी परीक्षा?
मौत का दरिया है और डूब के जाना है...
नई दिल्‍ली:

आग, पानी, करंट और मौतें... दिल्ली में सिविल सर्विस (IAS) के सपनों की ये कैसी परीक्षा? परीक्षा से पहले ये कैसी परीक्षा है, जिसमें छात्रों को मौत के दरिया में डूब कर जाना पड़ रहा है. दिल्ली में शनिवार शाम हुई बारिश से राजेंद्र नगर इलाके में स्थित एक कोचिंग इंस्टीट्यूट के बेसमेंट में पानी भर गया. बेसमेंट में पानी भरने से यूपीएससी की तैयारी करने वाले तीन छात्रों की मौत हो गई. मृतकों में दो छात्राएं भी शामिल हैं. यह पहला मौका नहीं है, जब लापरवाही की वजह छात्रों की जान गई है. कुछ समय पहले ही मुखर्जी नगर में एक कोचिंग सेंटर में आग लगने के बाद छात्रों को खिड़कियों से निकालकर बचाया गया था.   

बॉयोमेट्रिक खराब और छात्र अंदर ही फंस गए...

दिल्ली के राजेंद्र नगर में स्थित इंस्टीट्यूट के बेसमेंट में जलभराव के बाद तीन छात्रों की डूबने से मौत हो गई. पुलिस ने क्रिमिनल केस के तहत FIR दर्ज कर ली है. 2 लोगों को हिरासत में लिया गया है, उनसे पूछताछ चल रही है. सूत्रों के मुताबिक, बेसमेंट में एंट्री-एग्जिट बॉयोमेट्रिक के ज़रिए होती थी, पानी भरने के दौरान लाइट चली गई, जिसकी वजह से बॉयोमेट्रिक खराब हो गया था और छात्र अंदर ही फंस गए थे. कोई इमरजेंसी एग्जिट बेसमेंट में नहीं था. ऐसे में छात्र बाहर ही नहीं निकल पाए.

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सड़कों पर उतरे छात्र, लेकिन क्‍या कुछ होगा?

तीन कोचिंग स्टूडेंट्स की मौत के बाद अन्य छात्र सड़क पर उतर आए हैं. रविवार को ओल्ड राजेंद्र नगर में छात्रों ने मृतकों को इंसाफ दिलाने के लिए विरोध-प्रदर्शन किया. इस बीच दिल्ली मेयर शैली ओबेरॉय ने एमसीडी कमिश्नर को आदेश दिया है. राजेंद्र नगर मामले में अगर निगम का कोई अधिकारी दोषी है, तो उसे पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए. MCD के तहत अगर किसी कोचिंग सेंटर में बेसमेंट में कमर्शियल एक्टिविटी चल रही है तो यह बिल्डिंग बाय लॉज के खिलाफ है, इस पर तुरंत कार्रवाई की जाए. बेसमेंट में चल रहे इलीगल कोचिंग सेंटर पर कड़ी कार्यवाही हो. 

मुखर्जी नगर में आग की चपेट में फंसे थे 300 छात्र

कोचिंग सेंटर में लापरवाही और नियमों की अनदेखी का ऐसा ही मामला पिछले साल जून के महीने में नजर आया था, जब मुखर्जी नगर में स्थित ज्ञान बिल्डिंग में 15 जून 2023 को आग लगने से छात्रों की जान खतरे में पड़ गई थी. जब आग लगी, तब इस बिल्डिंग के अलग-अलग कोचिंग सेंटर्स में 300 से ज्‍यादा छात्र मौजूद थे. गनीमत ये रही कि इस आग की चपेट में आकर किसी की जान नहीं गई. हालांकि, 60 से ज्‍यादा छात्रों को चोटें जरूर आई थीं. इस हादसे के बाद स्‍थानीय प्रशासन कुछ सख्‍त नजर आया और कई कोचिंग सेंटर्स पर कार्रवाई भी होती दिखी, लेकिन इसके बाद स्थिति फिर वही 'ढाक के तीन पात' है. इसके बाद दिल्ली के मुखर्जी नगर में ही 27 सितंबर 2024 को एक गर्ल्स पीजी में आग लग गई थी. यहां 35 लड़कियां फंस गई थीं. इन लड़कियों को अपनी जान पर खेलकर दमकल विभाग के कर्मचारियों ने बचाया था. 

करंट लगने से IAS के छात्र की मौत

इसी हफ्ते दिल्ली के पटेल नगर इलाके में करंट लगने से सिविल सेवा परीक्षा के एक अभ्यर्थी की मौत हो गई थी. गाजीपुर निवासी 26 वर्षीय नीलेश राय की मौत के दो दिन बाद, टाटा पावर डिस्कॉम (विद्युत वितरण कंपनी) के एक अधिकारी ने इस घटना को “दुर्भाग्यपूर्ण” बताया और कहा कि एक ग्राहक के क्षतिग्रस्त मोटर वायरिंग में करंट आने के कारण यह हादसा हुआ. यह मोटर लोहे के गेट के संपर्क में आ गया था. सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने बताया कि राय पास के पुस्तकालय से अपने पीजी आवास की ओर लौट रहे थे, तभी जलभराव वाली सड़क पर उनका पैर फिसल गया और संतुलन बनाने के लिए उन्होंने लोहे के गेट को पकड़ लिया, जिससे उन्हें करंट लग गया. इस हादसे के बाद एक बार फिर सामने आया था कि छात्र अपने घर से दूर किन परिस्‍थतियों में रहते हैं. 

यूपीएससी की तैयारी कर रहे कुछ छात्रों ने बताया की किस तरह से राजेंद्र नगर में सिविल सर्विस की तैयारी करवाने वाले कोचिंग सेंटरों से ये इलाका भरा पड़ा है. ये इलाका जेम्पैकड है. कोचिंग सेंटर लाखों की फीस वसूलते हैं, लेकिन सुविधाएं कोई नहीं. हर कोचिंग सेंटर में बेसमेंट है, जहां लाइब्रेरी के अलावा क्लास भी लगाई जाती हैं... जरूरत से ज्यादा बच्चे बिठाए जाते हैं. राउस कोचिंग सेंटर सबसे पुराना है. फिर भी पैसे के लालच में इन्होंने बेसमेंट बनवा लिए, लाइब्रेरी में बायोमेट्रिक गेट लगे हैं, वो खुल नहीं पाए. कोई इमरजेंसी एक्जिट नहीं है, मकान मालिकों ने छोटे-छोटे कमरों के किराए बढ़ा दिए.

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