
- NHRC ने सर्दी के मौसम में शीतलहर से प्रभावित लोगों की सुरक्षा के लिए 19 राज्यों को एडवाइजरी जारी की है
- आयोग ने नवजात शिशुओं, बच्चों, बुजुर्गों, बेघरों और गरीबों के लिए पूर्व-निवारक कदम उठाने को कहा है
- NHRC के अनुसार शीतलहर के कारण 2019 से 2023 के बीच भारत में तीन हजार से अधिक लोगों की मौत हुई है
देश में हर साल सर्दी के मौसम में हजारों गरीब और बेघर लोगों को कड़कती ठंड का प्रकोप झेलना पड़ता है. इस साल भी लाखों बेघर और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को ठंड का कहर झेलना पड़ सकता है. इस संकट से गरीब बेघर परिवारों को बचाने के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सर्दी के मौसम में शीतलहर की संभावना को देखते हुए गुरुवार को देश के 19 राज्य सरकारों आचार केंद्र शासित प्रदेशों को एडवाइजरी जारी किया है.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इन राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों से गुजारिश की है कि वह आश्रय और संसाधनों की कमी के कारण जोखिम में रहने वाले संवेदनशील वर्गों, विशेष रूप से नवजात शिशुओं, बच्चों, गरीबों, बुजुर्गों, बेघरों, निराश्रितों और भिखारियों की सुरक्षा के लिए पूर्व-निवारक कदम उठाएं और राहत उपाय लागू करें. जलवायु परिवर्तन के कारण बदलते मौसम में मानवाधिकार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है.
NHRC ने एक इसे लेकर एक बयान भी जारी किया. इस बयान में कहा गया है कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की 'भारत में आकस्मिक मृत्यु और आत्महत्याएं' शीर्षक वाली रिपोर्ट का हवाला देते हुए आयोग ने 2019 और 2023 के बीच शीत लहरों के कारण कुल 3,639 लोगों की मौत होने की सूचना दी. राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भेजे अपने पत्र में, आयोग ने शीत लहरों के असर को कम करने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के दिशानिर्देशों को दोहराया है.
एनएचआरसी ने राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों से गुजारिश की है कि वह अपने-अपने स्तर पर उपचार प्रोटोकॉल स्थापित करें; दिन और रात के आश्रय स्थल स्थापित करें; सर्दी से संबंधित बीमारियों के लिए चिकित्सा देखभाल प्रदान करना और मानक उपचार प्रक्रियाओं को लागू करें; और राहत प्रयासों की निरंतर निगरानी सुनिश्चित करना व उनकी प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय दृष्टिकोण अपनाई. आयोग ने प्रशासनिक अधिकारियों से किसी भी अप्रिय घटना को रोकने और शीत लहर के प्रतिकूल प्रभावों से संवेदनशील आबादी की रक्षा के लिए अपनाए गए उपायों पर कार्रवाई रिपोर्ट भी मांगी है.
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