
भारत और पाकिस्तान के बीच बीते दिनों हुए संघर्ष को लेकर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) अनिल चौहान ने एक बड़ा बयान दिया है. CDS अनिल चौहान ने कहा कि कोई भी युद्ध बगैर किसी नुकसान के नहीं लड़ा जा सकता है. भारत ने पाकिस्तान को जिस प्रभावी तरीके से जवाब दिया उसकी सराहना हो रही है. अच्छी बात यह है कि हम अपनी सामरिक गलती को समझने में सक्षम हैं, उसे सुधार सकते हैं. और दो दिन बाद उसे फिर से लागू कर सकते हैं. फिर अपने सभी जेट विमानों को लंबी दूरी पर निशाना साधते हुए फिर से उड़ा सकते हैं.
इस इंटरव्यू से पहले CDS जनरल अनिल चौहान ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर आईना दिखाया था. सिंगापुर में 22वें शांगरी-ला डायलॉग में सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने कहा था कि भारत को पाकिस्तान से हर बार धोखा मिला है. साथ ही उन्होंने कहा कि भारत नहीं बदला, बल्कि रणनीति भी बदली है. ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान में पल रहे आतंकियों को ठिकाने लगाने के बाद भारत अब कूटनीतिक मोर्चे पर पाकिस्तान की पोल खोल रहा है.
सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने कहा, 'अब भारत-पाकिस्तान संबंधों पर हम बिना किसी रणनीति के काम नहीं कर रहे हैं. जब हमें स्वतंत्रता मिली, तो पाकिस्तान हर पैमाने पर हमसे आगे था, सामाजिक, आर्थिक, प्रति व्यक्ति जीडीपी. आज, भारत हमारी अधिक विविधता के बावजूद, सभी मोर्चों, आर्थिक प्रदर्शन, मानव विकास और सामाजिक सद्भाव पर आगे है. यह संयोग से नहीं हुआ, यह दीर्घकालिक रणनीति का परिणाम है. कूटनीतिक रूप से हमने 2014 की तरह ही संपर्क किया है, जब पीएम ने नवाज शरीफ को आमंत्रित किया था. लेकिन ताली बजाने के लिए दो हाथों की जरूरत होती है, अगर हमें बदले में केवल शत्रुता मिलती है, तो अभी के लिए अलगाव ही एक अच्छी रणनीति हो सकती है.'
जनरल चौहान ने कहा कि अच्छी बात यह है कि हम अपनी सामरिक गलती को समझने में सक्षम हैं. उसका समाधान कर सकते हैं, उसे सुधार सकते हैं और फिर दो दिन बाद उसे फिर से लागू कर सकते हैं और लंबी दूरी पर निशाना साधते हुए अपने सभी जेट विमानों को फिर से उड़ा सकते हैं.
जनरल चौहान ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के इस दावे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि अमेरिका ने परमाणु युद्ध को टालने में मदद की है. लेकिन उन्होंने कहा कि यह कहना "बेतुकी बात" है कि दोनों में से कोई भी पक्ष परमाणु हथियारों का उपयोग करने के करीब है.
भारतीय सैन्य प्रमुख ने कहा, "हम पाकिस्तान के भारी वायु-रक्षा वाले हवाई अड्डों पर 300 किलोमीटर अंदर तक, एक मीटर की सटीकता के साथ सटीक हमले करने में सक्षम थे."
भारत और पाकिस्तान ने संघर्ष की अंतरराष्ट्रीय धारणा को प्रभावित करने के लिए वैश्विक राजधानियों में प्रतिनिधिमंडल भेजे हैं. जनरल चौहान ने कहा कि शत्रुता समाप्त होने की प्रक्रिया जारी है और यह भविष्य में पाकिस्तान की कार्रवाइयों पर निर्भर करेगा.
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