प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
वायुसेना के लापता हुए सुखोई -30 लड़ाकू विमान और इसके पायलटों का अब तक कुछ पता नहीं चल पाया है. खोज और बचाव अभियान गुरुवार को भी जारी रहा. सुखोई -30, सी -130 और एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर भी इस अभियान में लगे हुए हैं. बुधवार के मुकाबले गुरुवार को मौसम बेहतर था लेकिन घने जंगल होने की वजह से तलाशी अभियान अभी भी चुनौतीपूर्ण बना हुआ है. आसमान से तलाशी अभियान के अलावा जमीन पर वायुसेना की चार टुकड़ियां, थल सेना की नौ और राज्य सरकार दो टुकड़ियां अलग अलग इलाकों में खोज में लगी हुई हैं.
मंगलवार को असम के तेजपुर एयर बेस ये दो सीटों वाले इस विमान ने सुबह 10.30 बजे उड़ान भरी थी, लेकिन 11.10 बजे के बाद इसका रेडियो और राडार संपर्क टूट गया. विमान ने तेजपुर से 60 किलोमीटर उत्तर पश्चिम में उड़ान भरी थी और उसके बाद से ही लापता हो गया. यहां से चीन की सीमा करीब 200 से 250 किलोमीटर की दूरी पर है.
सुखोई वायुसेना की अग्रिम पंक्ति का लड़ाकू विमान है. इसमें वे सारे यंत्र लगे हैं जिससे इस बात का पता लगाया जा सकता है कि विमान कहां है? बावजूद इसके अभी तक कुछ पता न चल पाना बड़ी बात है. इसके पीछे कई वजह हो सकती हैं. इसका खुलासा विमान के पता लगने पर ही हो सकेगा.जैसे-जैसे विमान और पायलटों के बारे में जानकारी मिलने में देरी हो रही है वैसे-वैसे किसी अनहोनी की आशंका बढ़ती जा रही है.
मंगलवार को असम के तेजपुर एयर बेस ये दो सीटों वाले इस विमान ने सुबह 10.30 बजे उड़ान भरी थी, लेकिन 11.10 बजे के बाद इसका रेडियो और राडार संपर्क टूट गया. विमान ने तेजपुर से 60 किलोमीटर उत्तर पश्चिम में उड़ान भरी थी और उसके बाद से ही लापता हो गया. यहां से चीन की सीमा करीब 200 से 250 किलोमीटर की दूरी पर है.
सुखोई वायुसेना की अग्रिम पंक्ति का लड़ाकू विमान है. इसमें वे सारे यंत्र लगे हैं जिससे इस बात का पता लगाया जा सकता है कि विमान कहां है? बावजूद इसके अभी तक कुछ पता न चल पाना बड़ी बात है. इसके पीछे कई वजह हो सकती हैं. इसका खुलासा विमान के पता लगने पर ही हो सकेगा.जैसे-जैसे विमान और पायलटों के बारे में जानकारी मिलने में देरी हो रही है वैसे-वैसे किसी अनहोनी की आशंका बढ़ती जा रही है.
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