कोरोनावायरस को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन से सिनेमा उद्योग पर भी बुरा असर पड़ा है. खासकर सिनेमाघरों के कारोबार पर जो सीने उद्योग की कमाई में 60 फीसदी योगदान रखता है. जून महीने से शुरू हुई अनलॉक प्रक्रिया में घरेलू उड़ानों के साथ रेलवे और दूसरे कई उद्योगों को शुरू करने की इजाजत तो मिल गई है पर सिनेमाघर अब भी बंद हैं. मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया इसके लिए सरकार से लगातार बात कर रही है और कोरोना संक्रमण से बचने के लिए जरूरी उपायों के साथ तैयार भी है. 3 महीने बाद सिनेमाघरों के फिर से खुलने की उम्मीद जगी है. बॉक्स ऑफिस से लेकर सिनेमाघरों में प्रवेश और फ़िल्म देखकर बाहर निकलने तक सब कुछ नए एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) के साथ तैयार है. कदम-कदम पर संक्रमण से बचने के लिए जरूरी उपाय और एतिहात बरतने का दावा किया गया है. शुरुआत पेपरलेस टिकट से है.
सिस्टम कुछ ऐसा बनाया गया है कि एक ग्रुप के दोनों तरफ की सीटें बुक ही ना हो पाए. मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के निदेशक देवांग संपत ने बताया, "जैसे ही हम एंट्री पॉइंट पर आते हैं, थर्मल स्क्रिनिग होगी, तापमान ज्यादा होगा तो प्रवेश नही मिलेगा और फिर QR कोड से टिकट चैकिंग होगी और sanitizer से हाथ साफ करने होंगे. सेनिटाइजर मशीन हाथ से नहीं पैडल वाली होगी.''
सिनेमाघर में जाने के बाद कुछ खाने का मन तो करता ही है. संपर्क से बचने के लिए QR कोड स्कैन कर ऑनलाइन आर्डर दे सकते हैं. खास बात है कि पॉपकॉर्न भी बंद डिब्बे में मिलेगा. मॉस्क, फेस शील्ड सभी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य है. वॉशरूम में भी सोशल डिस्टनसिंग का इंतजाम है. सिनेमा हाल में जाते समय भी दरवाजा खोलने की अलग से व्यवस्था होगी और हर शो के बाद पूरा हॉल सेनिटाइज किया जाएगा.
आपको बता दें कि 30 के करीब फिल्में रिलीज के इंतजार में हैं. अभी तक आफ घर मे बैठे ऑनलाइन तो सभी फिल्में देख रहे हैं लेकिन असली मजा तो सिनेमाघर में फ़िल्म देखने का है. उम्मीद जल्द ही नये अंदाज में सिनेमा देखने का मौका मिलेगा. फिल्म का आनंद लेने के बाद जाते समय भी सोशल डिस्टनसिंग का पालन करना है.
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