Delhi News: अरावली की पहाड़ियों (Aravali Hills) को लेकर चल रहे विवादों के बीच देश के पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव (Bhupender Yadav) ने सरकार का पक्ष साफ कर दिया है. उन्होंने एक खास इंटरव्यू में बताया कि सरकार अरावली को बचाने के लिए क्या कर रही है और जो बातें फैलाई जा रही हैं, उनमें कितनी सच्चाई है.
सवाल 1: अरावली को बचाना क्यों इतना बड़ा मुद्दा बन गया है?
जवाब: अरावली को बचाना सिर्फ पहाड़ों का मामला नहीं है. यह हमारे पर्यावरण, पीने के पानी और प्रकृति के संतुलन से जुड़ा है. सरकार इसे सुरक्षित रखने के लिए पूरी तरह तैयार है. सुप्रीम कोर्ट ने भी इस पर स्पष्ट आदेश दिए हैं. हमारा सबसे बड़ा लक्ष्य अवैध खनन (Illegal Mining) को पूरी तरह रोकना है. जब तक वैज्ञानिकों की टीम एक पक्का प्लान नहीं बना लेती, तब तक वहां किसी भी नई खुदाई की अनुमति नहीं दी जाएगी.
सवाल 2: क्या सुप्रीम कोर्ट ने खनन के नियमों में कोई ढील दी है?
जवाब: बिल्कुल नहीं. कोर्ट ने कोई छूट नहीं दी है, बल्कि दो जरूरी बातें कही हैं. पहली- सरकार के 'ग्रीन अरावली प्रोजेक्ट' (हरियाली बढ़ाने की योजना) को मंजूरी दी है. दूसरी, वैज्ञानिकों (ICFRE) को जिम्मेदारी दी है कि वे अरावली का पूरा नक्शा और सुरक्षा प्लान तैयार करें. जब तक यह वैज्ञानिक रिपोर्ट नहीं आती, कोई नया खनन शुरू नहीं हो सकता.
सवाल 3: चर्चा है कि 100 मीटर ऊंची पहाड़ियों पर अब खनन हो सकेगा, क्या यह सच है?
जवाब: यह बात पूरी तरह गलत है. 100 मीटर की ऊंचाई पर खनन की कोई अलग से परमिशन नहीं दी गई है. असल में, हम पहाड़ियों की पहचान कर रहे हैं. नियम यह है कि अगर कोई पहाड़ी 200 मीटर ऊंची है, तो उसके आसपास का 500 मीटर का इलाका भी अरावली का हिस्सा माना जाएगा और वहां कुछ नहीं होगा. अरावली की 90% खेती वाली जमीन को भी हमने खनन से पूरी तरह बाहर रखा है.
Delhi: On the Aravalli Hills issue, Union Environment Minister Bhupender Yadav says, "This is not a matter related to mining standards based on a height of 100 meters. The Aravalli is not defined by a 100-meter height; it extends down to the ground level. However, it is connected… pic.twitter.com/hH4zJ0G3ee
— IANS (@ians_india) December 23, 2025
सवाल 4: यह 100 मीटर की ऊंचाई कैसे नापी जाएगी?
जवाब: इसे ऊपर या नीचे से नहीं नापा जाएगा. इसे उस जिले की जमीन के स्तर (Ground Level) के हिसाब से तय किया जाएगा. यानी जमीन से लेकर पहाड़ की चोटी तक की पूरी बनावट को देखा जाएगा.
सवाल 5: सुप्रीम कोर्ट में सरकार का रुख क्या पहले जैसा ही है?
जवाब: हां, यह कोई नया स्टैंड नहीं है. अवैध खनन रोकने के लिए एक एक्सपर्ट कमेटी बनाई गई थी, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर ही कोर्ट का यह फैसला आया है. यह एक लंबी कानूनी प्रक्रिया का नतीजा है.
सवाल 6: कांग्रेस के समय अरावली की क्या स्थिति थी?
जवाब: उस समय बहुत ज्यादा अवैध खनन हो रहा था, जिसकी वजह से लोग कोर्ट गए थे. अब हमारी सरकार इसे वैज्ञानिक तरीके से सुधार रही है ताकि पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे.
सवाल 7: आपने पहले कहा था कि 31 पहाड़ गायब हो गए हैं, अगर ऐसा ही रहा तो क्या होगा?जवाब: इसी खतरे को रोकने के लिए हम हर जिले के लिए एक खास सुरक्षा प्लान (Management Plan) बना रहे हैं. बिना साइंटिफिक प्लानिंग के अब वहां कोई काम नहीं होगा. हमारा मकसद पहाड़ों और प्रकृति को हर हाल में बचाना है.
सवाल 8: क्या चित्तौड़गढ़ और सवाई माधोपुर को इस सुरक्षा प्लान से बाहर रखा गया है?Delhi: On the Supreme Court's 2018 observation that 31 hills had completely vanished due to mining, Union Environment Minister Bhupender Yadav says, "That is why a separate management plan will be prepared for each district..." pic.twitter.com/0QmpsNFQr6
— IANS (@ians_india) December 23, 2025
जवाब: यह खबर पूरी तरह गलत है. अरावली के जितने भी हिस्से हैं, चाहे वो कोई भी जिला हो, सबको इस सुरक्षा योजना में शामिल किया गया है. किसी को बाहर नहीं रखा गया.
सवाल 9: क्या अरावली को लेकर लोगों के बीच भ्रम फैलाया जा रहा है?जवाब: जो लोग झूठ फैला रहे हैं, वे अपने राजनीतिक फायदे के लिए ऐसा कर रहे हैं. लेकिन जनता अब सच जान चुकी है, इसलिए वे सफल नहीं हो पाएंगे.
सवाल 10: क्या इस विरोध के पीछे कोई विदेशी ताकत या एनजीओ है?Delhi: When asked about claims that Chittorgarh and Sawai Madhopur are being excluded from the new management plan, Union Environment Minister Bhupender Yadav says, "All parts of the Aravallis will be included. No area is being excluded" pic.twitter.com/MYeZx9Y2sK
— IANS (@ians_india) December 23, 2025
जवाब: विपक्षी दल जनता को डराने की कोशिश कर रहे हैं, जैसा पहले भी कई बड़े प्रोजेक्ट्स के समय किया गया है. लेकिन सरकार पूरी पारदर्शिता के साथ काम कर रही है और पहाड़ों को बचाने के लिए प्रतिबद्ध है.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं