दिल्ली नगर निगम चुनाव की सुगबुगाहट तेज़, जानें पूरा मामला

एमसीडी चुनावों के मद्देनजर केंद्र के निर्देश पर गठित डिलिमिटेशन कमेटी ने परिसीमन का ड्राफ्ट जारी किया

दिल्ली नगर निगम चुनाव की सुगबुगाहट तेज़, जानें पूरा मामला

प्रतीकात्मक फोटो.

खास बातें

  • तीन अक्टूबर तक सुझाव और आपत्तियां आमंत्रित
  • पूर्व के कुल वार्डों की संख्या में 22 वार्डों की कमी आ गई
  • निगम में अधिकतम सीटों की संख्या 250 तय की
नई दिल्ली:

दिल्ली में दिल्ली नगर निगम (MCD) चुनाव की सुगबुगाहट तेज़ हो गई है. परिसीमन कमेटी ने प्रस्तावित नए गठित वार्डों के नक्शे जारी किए हैं और 5 अक्टूबर तक सुझाव मांगे हैं. कमेटी ने वार्ड डिलिमिटेशन का काम पूरा कर लिया है. प्रस्तावित वार्डों के नक्शे सार्वजनिक कर दिए हैं. एमसीडी चुनावों के मद्देनजर केंद्र के निर्देश पर गठित डिलिमिटेशन कमेटी ने परिसीमन का ड्राफ्ट जारी किया है. एकीकृत एमसीडी के तहत 250 वार्ड (42 आरक्षित) का ड्राफ्ट परिसीमन जारी किया गया है. यह sec.delhigovt.nic.in वेबसाइट पर जारी किया गया है. तीन अक्टूबर शाम 5 बजे तक ड्राफ्ट डिलिमिटेशन (परिसीमन) पर राजनीतिक पार्टियां/आम जनता सुझाव और आपत्तियां दे सकती है. 

केंद्र सरकार ने दिल्ली नगर निगम में अधिकतम सीटों की संख्या 250 तय की है. अभी तक दिल्ली नगर निगम में तीनों नगर निगम मिलाकर कुल सीटों की संख्या 272 थी. अब एकीकृत दिल्ली नगर निगम में कुल 250 वार्ड होंगे. इनमें से अनुसूचित जाति (SC) के लिए 42 वार्ड रिज़र्व होंगे. केंद्र सरकार ने इसकी अधिसूचना दो दिन पहले जारी कर दी थी.

दिल्ली में अब एकीकृत नगर निगम में कुल 250 वार्ड बनाए जाने से पहले तीन नगर निगमों के कुल वार्डों की संख्या में 22 वार्डों की कमी आ गई है.   

दिल्ली में नगर निगम वार्डों के परिसीमन के लिए जुलाई में तीन सदस्यीय आयोग का गठन किया गया था. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली में एमसीडी के वार्ड के लिए नई परिसीमन प्रक्रिया के लिए तीन सदस्यीय आयोग गठित किया था. कहा गया था कि इस प्रक्रिया से दिल्ली में नगर निकाय के चुनाव का मार्ग प्रशस्त होगा. शहर के तीन नगर निगमों को एकीकृत किए जाने के बाद पहली बार निकाय चुनाव होंगे.

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आयोग के गठन का जहां बीजेपी ने स्वागत किया था वहीं आम आदमी पार्टी ने इसकी आलोचना की थी. आम आदमी पार्टी (AAP) ने परिसीमन आयोग के गठन को छलावा करार दिया था और आरोप लगाया था कि यह नगर निकाय चुनाव टालने के लिए भारतीय जनता पार्टी नीत केंद्र सरकार का एक और “पैंतरा” है.