दिल्ली की अरविंद केजरीवाल कैबिनेट ने विधायकों के वेतन-भत्ता बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मंगलवार को मंजूरी दे दी है. दिल्ली कैबिनेट के प्रस्ताव के मुताबिक, अब दिल्ली के विधायकों को 30 हजार महीना वेतन मिलेगा जबकि अभी दिल्ली के विधायकों को प्रति माह 12 हजार रुपये वेतन मिलता है. केजरीवाल सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए आम आदमी पार्टी की विधायक आतिशी ने कहा कि 10 साल के बाद मंगलवार को दिल्ली के विधायकों की तनख्वाह बढ़ाई गई है. पिछली बार 2011 में दिल्ली के विधायकों की तनख्वाह बढ़ी थी, और अब 10 साल बाद जब महंगाई इतनी बढ़ गई है तब दिल्ली के विधायकों की तनख्वाह बढ़ाई गई है.
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आतिशी ने कहा कि मंगलवार को भी विधायकों की तनख्वाह बढ़ाने के बाद पूरे देश में सबसे कम अगर किसी की तनख्वाह है तो वो दिल्ली के चुने हुए विधायकों की है. उन्होंने कहा कि अभी तक विधायकों को 12 हजार रुपये महीने की तनख्वाह मिलती थी और कुछ भत्ते मिलते थे, जिसमें विधानसभा के लिए, ऑफिस के रखरखाव के लिए और अब विधायकों की तनख्वाह 12 हजार से बढ़ाकर 30 हजार कर दी गई है. ये बढ़ी हुई तनख्वाह भी अगर हम पूरे देश से तुलना करें तो काफी कम है. लेकिन 10 साल के बाद महंगाई को देखते हुए कुछ तनख्वाह बढ़ी है इसका हम स्वागत करते हैं.
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आप विधायक ने कहा कि, “ये बहुत ज़रूरी है कि चुने हुए प्रतिनिधियों को तनख्वाह ठीक से दी जाए. ये इसलिये जरूरी है कि जब एक विधायक चुनकर आता है तो वो अपनी सारी नौकरियां, काम धंधे छोड़कर आता है. इसलिये उनका भी घर खर्च चलाने के लिए और ईमानदारी से काम करने के लिए ठीक-ठाक तनख्वाह जिससे महंगाई के अनुसार उनका खर्च चल सके, ये बहुत जरूरी है."
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