विज्ञापन

तेजी से बदल रहे हैं हमारी धरती के पोल, कहीं जिंदगी खत्म होने का संकेत तो नहीं?

भू-चुंबकीय क्षेत्र मनुष्यों, पक्षियों और समुद्री जीवों के लिए नेविगेशन को सक्षम बनाता है. इसकी मदद से हम लंबी दूरी तय कर पाते हैं. लेकिन उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव के साथ पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र स्थिर नहीं है.

तेजी से बदल रहे हैं हमारी धरती के पोल, कहीं जिंदगी खत्म होने का संकेत तो नहीं?
नई दिल्ली:

हमारी इस धरती के लिए चुंबकीय क्षेत्र का होना बहुत ही ज्यादा अहम है. पृथ्वी पर जीवन, वायुमंडल, संचार और प्रौद्योगिकी के लिए ये बेहद अहम है. भौगोलिक ध्रुवों के पास स्थित पृथ्वी के चुंबकीय ध्रुव, हमारे ग्रह पर जीवन के लिए आवश्यक हैं. पिघले हुए लोहे के कोर के भीतर होने वाली हलचलों से उत्पन्न चुंबकीय क्षेत्र, जो पृथ्वी को हानिकारक सौर विकिरण और ब्रह्मांडीय कणों से बचाता है. एक वाक्य में कहा जाए तो यह ग्रह को रहने योग्य बनाता है. 

तेजी से बदल रहे हैं धरती के पोल

Latest and Breaking News on NDTV
भू-चुंबकीय क्षेत्र मनुष्यों, पक्षियों और समुद्री जीवों के लिए नेविगेशन को सक्षम बनाता है. इसकी मदद से हम लंबी दूरी तय कर पाते हैं. लेकिन उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव के साथ पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र स्थिर नहीं है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ये हमारे लिए चिंता की बात है?

क्यों अहम है धरती का चुंबकीय क्षेत्र? 5 पॉइन्ट्स में समझिए

  1. धरती का चुंबकीय क्षेत्र इंसानों और दूसरे जीवों के लिए जीवन मुमकिन बनाता है. 
  2. यह सूरज से आने वाली सोलर विंड, कॉस्मिक रेज और हानिकारक रेडिएशन से ओजोन की परत को बचाता है. 
  3. यह क्षेत्र ध्रुवों पर सबसे ज्यादा होता है लेकिन कभी-कभी यह पलट भी जाता है. 
  4. चुंबकीय क्षेत्र के कमजोर होने के कारण बड़ा नुकसान हो सकता है. इसकी वजह से उपकरणों के संचालन में दिक्कत हो सकती है.
  5. अंतरिक्ष में घूम रहे सैटलाइट्स और दूसरे क्राफ्ट्स चलने बंद हो सकते हैं.
1990 के दशक तक उत्तरी ध्रुव लगभग 15 किलोमीटर प्रति वर्ष की गति से खिसकता था. लेकिन उसके बाद के वर्षों में, साइबेरिया की ओर यह दर बढ़कर 55 किलोमीटर प्रति वर्ष हो गई है.

पिछले 83 मिलियन वर्षों में ऐसा 183 बार हुआ है

रिपोर्ट के मुताबिक, इस हलचल से 'चुंबकीय बदलाव' हो सकता है, इसमें उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव स्थान बदलते हैं. नासा के अनुसार, पिछले 83 मिलियन वर्षों में ऐसा 183 बार हुआ है. उत्क्रमणों के बीच समय अंतराल में व्यापक रूप से उतार-चढ़ाव आया है, लेकिन औसतन लगभग 300,000 वर्ष.

पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र पर किए गए रिसर्च से पता चला है कि वर्तमान परिवर्तन ग्रह के अंदर असामान्य रूप से तीव्र चुंबकीय क्षेत्रों की 'धब्बे' के कारण हो रहा है. हालांकि, एक्सपर्ट यह बताने में असमर्थ रहे हैं कि सक्रियता क्यों बढ़ी है?

जब इस तरह के उलटफेर होते हैं, तो एक समय ऐसा आता है जब चुंबकीय ढाल विपरीत ध्रुवता के साथ फिर से बढ़ने से पहले शून्य तक सिकुड़ जाती है.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Previous Article
लॉरेंस बिश्नोई से दुश्मनी खत्म करने के लिए 5 करोड़ दो, वरना बाबा सिद्दीकी से बुरा हाल : सलमान खान को धमकी
तेजी से बदल रहे हैं हमारी धरती के पोल, कहीं जिंदगी खत्म होने का संकेत तो नहीं?
चंडीगढ़ में आज हरियाणा बीजेपी नेताओं की बैठक, शपथ ग्रहण की तैयारियों पर होगी चर्चा
Next Article
चंडीगढ़ में आज हरियाणा बीजेपी नेताओं की बैठक, शपथ ग्रहण की तैयारियों पर होगी चर्चा
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com