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This Article is From Jan 10, 2020

JNU हिंसा : दिल्ली पुलिस के सबूत जारी करने के बाद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कही यह बात...

दिल्ली पुलिस ने जेएनयू हिंसा के मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हमले में शामिल संदिग्धों की तस्वीरें जारी की हैं.

JNU हिंसा : दिल्ली पुलिस के सबूत जारी करने के बाद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कही यह बात...
आरोपियों में JNUSU प्रेसिडेंट आइशी घोष का नाम शामिल है.
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
पुलिस ने लिया जेएनयू छात्र संघ के सदस्यों का नाम
आरोपियों में आइशी घोष का नाम शामिल
डीसीपी (क्राइम ब्रांच) ने जेएनयू हिंसा मामले में की प्रेस ब्रीफिंग
नई दिल्ली:

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने जेएनयू हिंसा पर शुक्रवार को दिल्ली पुलिस द्वारा साझा की गयी जानकारी का हवाला देते हुए कहा कि जेएनयू में वाम मंसूबे अब बेनकाब हो गये हैं. उन्होंने वामदलों पर जेएनयू परिसर को राजनीतिक लड़ाई का मैदान में तब्दील करने का आरोप भी लगाया. पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘जेएनयू में वाम मंसूबे बेनकाब. उन्होंने भीड़ की अराजकता का नेतृत्व किया, कदरताओं के पैसे से खड़ी की गयी सरकारी संपत्ति को नष्ट किया, नये विद्यार्थियों को पंजीकरण से रोका और परिसर को राजनीतिक लड़ाई के मैदान के रूप में इस्तेमाल किया. दिल्ली पुलिस के सबूत जारी करने के बाद जेएनयू हिंसा में वामपंथियों का हाथ सबके सामने आ गया है.''
 

वहीं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शुक्रवार को कहा कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में पांच जनवरी को हुई हिंसा की दिल्ली पुलिस द्वारा की जा रही जांच में स्पष्ट हुआ है कि वामपंथी संगठनों से जुड़े छात्र घटना में शामिल थे. विपक्ष पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि भाकपा, माकपा, आप जैसे दलों को लोकसभा चुनाव में खारिज कर दिया गया और अब वे अपने निहित स्वार्थों के लिए छात्रों का उपयोग कर रहे हैं. उन्होंने विश्वविद्यालय के आंदोलनरत छात्रों से अपना आंदोलन समाप्त कर शैक्षणिक सत्र शुरू होने देने की अपील की. जावड़ेकर ने कहा कि पुलिस सच्चाई को सामने लायी और यह स्पष्ट है कि वामपंथी छात्र संगठन हमले में शामिल थे.

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गौरतलब है कि दिल्‍ली पुलिस ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्‍फ्रेंस कर जेएनयू में हुई हिंसा की जांच में हो रही प्रगति पर अपनी बात रखी. पुलिस ने कहा कि हिंसा में शामिल कई छात्रों की पहचान कर ली गई है. पुलिस ने कुछ तस्‍वीरें भी जारी की हैं.

दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता एमएस रंधावा ने कहा कि जेएनयू हिंसा में गलत सूचना सर्कुलेट हो रही है. ब्रीफिंग का मकसद यही है कि सही तथ्य सामने रखें. मामले की जांच जारी है. वहीं, डीसीपी (क्राइम ब्रांच) ने कहा कि चार संगठन (AISF,AISA, SFI, DSF) जेएनयू में चल रहे विंटर सेशन के रजिस्ट्रेशन के खिलाफ थे, लेकिन काफी संख्या में छात्र रजिस्ट्रेशन करना चाह रहे थे, लेकिन ये संगठन, जो छात्र संघ का हिस्सा हैं, रजिस्ट्रेशन नहीं करने दे रहे थे. उनको डरा-धमका रहे थे. 3 जनवरी को इन संगठनों के लोगों ने सर्वर से छेड़छाड़ की. सर्वर को जबरन बंद कर दिया. कर्मियों से धक्का-मुक्की की. इसकी शिकायत जेएनयू प्रशासन ने की थी. बाद में सर्वर री-स्टोर हो गया.

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दिल्ली पुलिस ने इस ब्रीफिंग के दौरान हिंसा के संदिग्धों की तस्वीर भी जारी की है.  इसमें चुनचुन कुमार, पंकज मिश्रा, भास्कर विजय, सुचेता तालुकराज, प्रिया रंजन, डोलन सावंत, योगेंद्र भारद्वाज, विकास पटेल और  JNUSU प्रेसिडेंट आइशी घोष का नाम शामिल है. 
VIDEO: दिल्ली पुलिस ने जारी की जेएनयू हिंसा के आरोपियों की तस्वीरें
  

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