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This Article is From Dec 03, 2022

'द कश्मीर फाइल्स' विवाद : इजरायली राजदूत ने नफरती मैसेज "हिटलर महान था" का स्क्रीनशॉट शेयर किया

इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन की प्रतिक्रिया उनके देश के एक फिल्म निर्माता की 'द कश्मीर फाइल्स' को "प्रचार" और "अश्लील फिल्म" बताने पर हुई सार्वजनिक निंदा के बाद आई

'द कश्मीर फाइल्स' विवाद : इजरायली राजदूत ने नफरती मैसेज "हिटलर महान था" का स्क्रीनशॉट शेयर किया
भारत में इजराइल के राजदूत नाओर गिलोन.
नई दिल्ली:

भारत में इजराइल के राजदूत नाओर गिलोन ने शनिवार को एक मैसेज का स्क्रीनशॉट पोस्ट किया. इसके बारे में उन्होंने कहा है कि उन्हें वह ट्विटर पर मिला था. यह संदेश फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' को लेकर जारी विवाद के बीच आया. उस मैसेज में हिटलर की प्रशंसा की गई है. गिलोन ने कहा कि वे संदेश भेजने वाले व्यक्ति की पहचान छुपा रहे हैं.

गिलोन ने बाद में एक फॉलो-अप ट्वीट में कहा कि मैसेज पोस्ट करने पर मिले समर्थन ने उन्हें "टच" किया.

यह संदेश इजरायली राजदूत द्वारा गोवा में भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) में 'द कश्मीर फाइल्स' को एक "प्रोपेगंडा" और "अश्लील फिल्म" कहने वाले अपने देश के एक फिल्म निर्माता की सार्वजनिक रूप से निंदा करने के कुछ दिनों बाद आया है.

गिलोन ने मंगलवार को ट्विटर पर एक "खुले पत्र" में भारत से माफ़ी मांगी. फिल्म निर्माता नादव लापिड, जो कि फिल्म फेस्टिवल की जूरी में थे, ने कल फेस्टिवल के समापन समारोह में फिल्म की आलोचना की थी, 

विवेक अग्निहोत्री द्वारा निर्देशित फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' 1990 में कश्मीर घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन और उनकी हत्याओं के इर्द-गिर्द रची गई कथा पर आधारित है. इस फिल्म के रिलीज होने के साथ ही इसको लेकर विवाद शुरू हो गया था. आलोचकों का कहना है कि यह फिल्म तथ्यों से परे है.

गिलोन ने कहा कि नादव लापिड ने "सबसे खराब तरीके" से जूरी के पैनल के लिए भारतीय निमंत्रण का दुरुपयोग किया. उन्होंने कहा, "भारतीय संस्कृति में कहा जाता है कि एक अतिथि भगवान की तरह होता है. आपने @IFFIGoa में जूरी के पैनल की अध्यक्षता करने के लिए भारतीय निमंत्रण के साथ-साथ विश्वास, सम्मान और जोश भरे आतिथ्य का सबसे खराब तरीके से दुरुपयोग किया है." 

नादव लापिड ने कहा था कि फिल्म समारोह में जूरी सदस्य 'द कश्मीर फाइल्स' से 'परेशान और स्तब्ध' थे. दो दिन बाद उन्होंने यह कहते हुए कि अगर उनकी टिप्पणी का गलत अर्थ निकाला गया है, "माफी" की पेशकश की. उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य कश्मीरी पंडित समुदाय या पीड़ित लोगों का अपमान करना नहीं था.

उन्होंने न्यूज चैनल सीएनएन-न्यूज18 को बताया कि, "लेकिन साथ ही मैंने जो कुछ भी कहा, स्पष्ट रूप से कहा कि मेरे और मेरे साथी जूरी सदस्यों के लिए यह एक अश्लील प्रोपेगंडा फिल्म थी. इस फिल्म के लिए कोई जगह नहीं थी और यह एक प्रतिष्ठित प्रतिस्पर्धी वर्ग के लिए अनुपयुक्त थी. मैं इसे बार-बार दोहरा सकता हूं."

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