प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान मणिपुर के बारे में भी बात की और कहा हम नियमित रूप से मणिपुर में शांति स्थापित करने के प्रयास कर रहे हैं. पीएम मोदी ने कहा, "मणिपुर की स्थिति सामान्य करने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है, वहां 11 हजार प्राथमिकी दर्ज की गई हैं, 500 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है तथा हमें स्वीकार करना होगा कि मणिपुर में लगातार हिंसा की घटनाएं कम होती जा रही हैं और शांति की बात संभव हो रही है: प्रधानमंत्री मोदी."
उन्होंने आगे कहा, "मणिपुर में अंतर-जनजाति अत्याचार एक बहुत ही गहरी जड़ वाला मुद्दा है. मणिपुर के अधिकतर हिस्सों में आम दिनों की तरह स्कूल, कॉलेज और दफ्तर खुल रहे हैं, राज्य में परीक्षाएं भी सामान्य तरीके से हुई हैं." उन्होंने कहा, "जो भी तत्व मणिपुर की हिंसा को लेकर आग में घी डालने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें मैं आगाह करता हूं कि ये हरकतें बंद करदें."
वहीं मणिपुर में उत्पन्न हुई बाढ़ की स्थिति के बारे में बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा, "राज्य में इस समय बाढ़ की स्थिति गंभीर है और आज ही एनडीआरएफ के दो दल वहां भेजे गए हैं."
इसके अलावा पीएम मोदी ने अपने संबोधन में 26 जनवरी को संविधान दिवस मनाए जाने के फैसला का उल्लेख करते हुए आरोप लगाया कि संविधान की प्रति हाथ में लेकर ‘घूमने वाले' लोगों ने इसका भी विरोध किया था. सदन में मौजूद विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने इस पर आपत्ति जताई और आसन से अपना पक्ष रखने का आग्रह किया. हालांकि, सभापति जगदीप धनखड़ ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया. इसके बाद विपक्षी सदस्यों ने हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी. प्रधानमंत्री मोदी ने हंगामे के बीच ही अपना संबोधन जारी रखा और कुछ देर बाद विपक्षी सदस्य सदन से वॉकआउट कर गए.
यह भी पढ़ें :
राज्यसभा से वॉकआउट कर रहे थे विपक्षी सांसद और पीछे से खूब सुनाते रहे PM मोदी
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं