नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का प्रमुख बनाया जा सकता है. (फाइल फोटो)
चंडीगढ़:
पंजाब कांग्रेस में संकट गुरुवार शाम दोनों पक्षों की बैठकों के चले दौर से और बढ़ गया. सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह केंद्रीय नेताओं के शांति फार्मूले के खिलाफ हैं, जिसके अनुसार नवजोत सिद्धू को राज्य कांग्रेस का प्रमुख बनाया जाना है. बता दें कि कांग्रेस आलाकमान ने पंजाब कांग्रेस में मचे घमासान को सुलझाने का फ़ॉर्मूला तैयार किया था जिसके अनुसार नवजोत सिंह सिद्धू का पंजाब में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनना लगभग तय था. सिद्धू के अलावा पंजाब कांग्रेस में दो हिंदू कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाए जाने थे, जिसमें से एक अनुसूचित जाति से बनाने की बात थी.
- सूत्रों ने बताया कि पंजाब कांग्रेस के दोनों खेमे अपने-अपने विधायकों की सूची तैयार कर रहे हैं. कैप्टन मोहाली में अपने निजी फार्महाउस पर पार्टी विधायकों और सांसदों के साथ बैठक कर रहे हैं.
- वहीं, नवजोत सिंह सिद्धू ने कैप्टन अमरिंदर सिंह के विरोधी खेमे के तीन कैबिनेट मंत्रियों समेत छह विधायकों के साथ भी बैठक की.
- उन्होंने जिन तीन नेताओं से मुलाकात की उनमें कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा, चरणजीत सिंह चन्नी और राजिंदर बाजवा शामिल हैं.
- सूत्रों ने यह भी कहा कि बागी मंत्रियों को लगता है कि उन्हें मंत्रालय से बर्खास्त कर दिया जाएगा. वे बागी विधायकों के साथ सामूहिक इस्तीफे की धमकी दे रहे हैं.
- हालांकि कांग्रेस की तरफ से आधिकारिक तौर पर अभी घोषणा नहीं की गई है कि सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया जाएगा. लेकिन सूत्रों ने कहा कि वह राज्य के पार्टी प्रमुख सुनील जाखड़ की जगह ले सकते हैं.
- इसके साथ ही दो अन्य नेताओं, जिसमें एक दलित समुदाय से और दूसरा एक हिंदू चेहरे को कार्यकारी अध्यक्ष नामित किए जाने की संभावना है.
- गौरतलब है कि पिछले महीने विधायकों द्वारा इस मुद्दे को हल करने के लिए पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति के सामने रखी गई मांगों में दलित समुदाय का प्रतिनिधित्व काफी अहम मांग थी.
- अन्य मांगों और असंतोष के बिंदुओं में अमरिंदर सिंह के नेतृत्व के साथ-साथ 2015 का बेअदबी मामला और शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस फायरिंग भी शामिल है.
- अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच 2017 के राज्य चुनावों के बाद से विवाद चल रहा है.
- बीजेपी में एक कार्यकाल के बाद पार्टी में शामिल हुए सिद्धू को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की उम्मीद थी. लेकिन इस कदम को कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कथित तौर पर विफल कर दिया था.