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This Article is From May 23, 2016

राहुल गांधी और प्रशांत किशोर की 'जोड़ी ' के सामने है कड़ी चुनौती

राहुल गांधी और प्रशांत किशोर की 'जोड़ी ' के सामने है कड़ी चुनौती
प्रशांत किशोर (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: गर्दिश के दौर से गुजर रही कांग्रेस पार्टी ने अपना 'भाग्‍य' बदलने के लिए चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर की सेवाएं ली हैं। यूपी और पंजाब के चुनाव की रणनीति बनाने की जिम्‍मेदारी संभाल रहे प्रशांत जानते थे कि उनका 'असली काम' तब शुरू होगा जब पार्टी निचले स्तर पर होगी। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद ऐसा लगता है कि वह समय आ गया है।

'गांधी' की ओर संचालित की जा रही पार्टी को पिछले सप्ताह उस समय शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा जब असम में उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बीजेपी के हाथों करारी हार मिली। केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में भी पार्टी/इसके गठबंधन को हार का सामना करना पड़ा। ऐसे में जनता के बीच कांग्रेस पार्टी का चेहरा माने जा रहे राहुल गांधी के सामने सबसे बड़ी चुनौती ( वर्ष 2019 के आम चुनाव के पहले) अगले वर्ष देश के सबसे बड़े राज्‍य उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करके कार्यकर्ताओं में जोश का संचार करने की है।

यूपी और पंजाब राज्य में वर्ष 2017 में होने वाले चुनाव एक हद तक यह निर्धारित कर सकते हैं कि अगला पीएम कौन बनने जा रहा हैं। वर्ष 2014 में बीजेपी ने यूपी की 80 संसदीय सीटों में से 71 में जीत हासिल की थी। कांग्रेस के लिए इसकी अध्‍यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी ही अपनी सीट बचा पाने में सफल रहे थे।

यूपी के चुनाव के महत्व को समझते हुए राहुल गांधी ने पार्टी की रणनीति तैयार करने में प्रशांत किशोर की मदद लेने का फैसला किया है। प्रशांत किशोर वहीं शख्स हैं जिन्होंने 2014 के आम चुनाव में आधुनिक तकनीकी का इस्‍तेमाल कर बीजेपी की चुनावी रणनीति तैयार करने में मदद की थी और इसके फलस्वरूप नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र में बीजेपी की सरकार बनी थी। पीएम मोदी और बीजेपी के काम करने के तरीके का अच्‍छा खास अनुभव रखने वाले प्रशांत अब एक हद तक पुराने तौरतरीकों का इस्तेमाल करने वाली और काफी हद तक गांधी परिवार पर निर्भर कांग्रेस के लिए नए सिरे से योजना तैयार कर रहे हैं। सार्वजनिक चकाचौंध से दूर 38 वर्षीय प्रशांत के पास साथ काम करने वाली रिसर्चर्स की टीम है, जो विभिन्‍न आंकड़ों का विश्लेषण कर वोटों को सीट पर मिलने वाली जीत में तब्दील करने की रणनीति बनाने में मदद करते हैं।
 
चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर को राहुल गांधी से किसी भी समय संपर्क करने का अधिकार हासिल है।

प्रशांत किशोर के नजदीकी सूत्र के अनुसार, प्रशांत को 'फ्रीहैंड' दिया गया है और उन्हें  कभी भी समय राहुल गांधी के किसी मसले पर चर्चा करने का अधिकार हासिल है। प्रशांत किशोर का जोर फिलहाल संरक्षकवादी व्यवस्‍था से दूर हटकर जमीनी स्तर पर नए चेहरे लाने और कार्यकर्ताओं में जोश फूंकने पर है।

सूत्र बताते हैं कि किशोर भारत की एक समग्र नेशनल पार्टी के रूप में कांग्रेस को पेश करना चाहते हैं। इसकी प्रमुख प्रतिद्वंद्वी पार्टी बीजेपी पर उत्तेजक भाषणों और अल्पसंख्‍यकों की कीमत पर हिंदू समाज की प्राथमिकता वाला एजेंडा पेश करने का आरोप लगता रह है। कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया कहते हैं,  ' हमारी पार्टी सबकी (सभी वर्गों की), सबके द्वारा और सबके लिए है। दूसरी राष्ट्रीय पार्टी बीजेपी है यह पूरे भारत का प्रतिनिधित्व नहीं करती क्‍यों‍कि यह सबकी और सबसे लिए पार्टी की अवधारणा पर खरी नहीं उतरती।'

 

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