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This Article is From Apr 27, 2023

केंद्र सरकार ने कहा राज्यों का बिजली उत्पादन पर कर लगाना ‘असंवैधानिक’

विद्युत मंत्रालय (Ministry of Power) ने राज्य सरकारों को कहा कि जिन करों/शुल्कों (Taxes/Duties) का इस सूची में विशेष रूप से उल्लेख नहीं किया गया है. राज्य सरकारें किसी भी रूप में उसे नहीं लगा सकती हैं क्योंकि अवशिष्ट शक्तियां केंद्र सरकार (Central Government) के पास हैं.

केंद्र सरकार ने कहा राज्यों का बिजली उत्पादन पर कर लगाना ‘असंवैधानिक’
केंद्र सरकार ने राज्यों से बिजली उत्पादन पर टैक्स नहीं लगाने के लिए कहा है. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

केंद्रीय विद्युत मंत्रालय (Ministry of Power) ने राज्यों से खासकर जलविद्युत परियोजनाओं (Hydroelectric Projects) से उत्पादित बिजली पर कर या शुल्क नहीं लगाने के लिए कहा है. साथ ही इस प्रकार के लगाये जा चुके कर को वापस लेने को कहा है. मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मंगलवार को लिखे पत्र में कहा, ‘‘भारत सरकार के संज्ञान में आया है कि कुछ राज्य सरकारों ने बिजली उत्पादन पर कर/शुल्क लगाये हैं. यह गलत और असंवैधानिक है.''

पत्र में कहा गया है कि तापीय, जलविद्युत, पवन, सौर, परमाणु समेत किसी भी स्रोत से उत्पादित बिजली पर कोई भी कर या शुल्क लगाना गलत और असंवैधानिक है. मंत्रालय ने कहा है कि संवैधानिक प्रावधानों के आधार पर कोई भी राज्य बिजली उत्पादन को लेकर किसी भी रूप में कोई कर या शुल्क नहीं लगा सकता है और यदि कोई कर या शुल्क लगाया गया है, तो इसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए. कर या शुल्क लगाने की शक्ति विशेष रूप से संविधान की सातवीं अनुसूची की दूसरी सूची में है.

मंत्रालय ने स्पष्ट किया, ‘‘जिन करों/शुल्कों का इस सूची में विशेष रूप से उल्लेख नहीं किया गया है, राज्य सरकारें किसी भी रूप में उसे नहीं लगा सकती हैं क्योंकि अवशिष्ट शक्तियां केंद्र सरकार के पास हैं.'' राज्य सूची में की गयी व्यवस्था के तहत राज्यों को अपने दायरे में आने वाले क्षेत्रों में बिजली की खपत या बिक्री पर कर लगाने का अधिकार है, लेकिन इसमें बिजली उत्पादन पर कर लगाने की बात शामिल नहीं है.

मंत्रालय के अनुसार, इसका कारण यह है कि भले ही एक राज्य में बिजली उत्पादन होता हो लेकिन उसकी खपत दूसरे राज्यों में हो सकती है. ऐसे में किसी भी राज्य को दूसरे राज्यों में रहने वाले लोगों पर कर लगाने का अधिकार नहीं है. पत्र में कहा गया है कि कुछ राज्यों ने पानी के उपयोग को लेकर उपकर के रूप में कर या शुल्क लगाया है. भले ही राज्य इसे जल उपकर कह सकते हैं, लेकिन वास्तव में यह बिजली उत्पादन पर कर है. यह कर उन बिजली उपभोक्ताओं से लिया जाएगा जो हो सकता है दूसरे राज्यों के हों.संविधान के अनुच्छेद 286 के तहत राज्य वस्तुओं या सेवाओं या दोनों पर राज्य के बाहर आपूर्ति होने के मामले में कोई कर या शुल्क नहीं लगा सकते हैं.

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