तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन और सांसद ए राजा के सनातन धर्म पर टिप्पणी का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. इन दोनों के खिलाफ हेट स्पीच मामले में अर्जी दाखिल हुई है. अर्जी में उदयनिधि स्टालिन और सांसद ए राजा के खिलाफ FIR दर्ज कर कार्रवाई की मांग की गई है. साथ ही दिल्ली और चेन्नई के पुलिस आयुक्त के खिलाफ अवमानना कार्यवाही की भी मांग की गई है. वकील विनीत जिंदल ने सनातन धर्म के खिलाफ नफरती भाषण के लिए सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका दायर की है.
तमिलनाडु CM एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन चेन्नई में 2 सितंबर को एक सनातन उन्मूलन कार्यक्रम में शामिल हुए. वहां स्पीच के दौरान उन्होंने सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया और कोरोना से की. उदयनिधि ने कहा- "जिस तरह मलेरिया और कोरोना को खत्म किया जाना जरूरी है, उसी तरह सनातन भी है." इस बयान के बाद विवाद बढ़ गया.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बेटे उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म को लेकर दिए विवादित बयान पर उदयनिधि ने सफाई दी है. मुख्यमंत्री स्टालिन ने लिखा, "वे महिलाओं पर अत्याचार को बढ़ावा देने के लिए 'सनातन' शब्द का इस्तेमाल करते हैं, जो मानव जाति का आधे से अधिक हिस्सा हैं. उदयनिधि ने केवल ऐसी दमनकारी विचारधाराओं के खिलाफ बात की. उन विचारधाराओं पर आधारित प्रथाओं के उन्मूलन का आह्वान किया."
उधर, कांग्रेस ने गुरुवार को कहा कि वह 'सनातन धर्म' पर द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK) के नेता उदयनिधि स्टालिन और ए राजा की टिप्पणियों से सहमत नहीं है. कांग्रेस ने कहा कि वह "सर्वधर्म समभाव" (सभी धर्मों के लिए समान सम्मान) में विश्वास करती है. पूरे मामले पर भाजपा बेहद आक्रामक है और उसके सभी नेता डीएमके के साथ विपक्षी गठबंधन इंडिया पर भी हमलावर हैं.
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