"टेस्ट मैच तो 5 दिन होते हैं, CBI 3 दिन में ही..." ‘वीजा के बदले रिश्वत’ मामले में पूछताछ पर कार्ति चिदंबरम का तंज

सीबीआई बृहस्पतिवार से कार्ति से 11 साल पुराने मामले में पूछताछ कर रही है, जिसे कांग्रेस नेता ने ‘‘फर्जी’’ और ‘‘राजनीतिक प्रतिशोध’’ का परिणाम बताया है. यह मामला 2011 का है, जब कार्ति के पिता पी चिदंबरम केंद्रीय गृह मंत्री थे.

कार्ति चिदंबरम ने कहा कि उन्होंने CBI जांच के खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा है.

नई दिल्ली:

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने 2011 में पंजाब की एक बिजली परियोजना के निर्माण में शामिल चीनी कर्मचारियों को 263 वीजा जारी करने के लिए कथित तौर पर रिश्वत लेने के मामले में कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम (Congress MP Karti Chidambaram) से शनिवार को लगातार तीसरे दिन आठ घंटे तक पूछताछ की.  पूछताछ के बाद चिदंबरम ने कहा कि आरोपों में कोई दम नहीं था.

संवाददाताओं से बात करते हुए कार्ति ने कहा, "मुझे लगता है, यह (पूछताछ) खत्म हो गया है क्योंकि उन्होंने मुझसे और कुछ नहीं पूछा. मुझे फिर से बुलाया भी नहीं गया है. यह सब फर्जी है और आरोपों में कोई दम नहीं है."

कांग्रेस सांसद ने कहा कि उन्होंने जांच के खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा है और उनके जवाब का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने अपनी पूछताछ की तुलना क्रिकेट के टेस्ट मैच से करते हुए जांच एजेंसी पर भी कटाक्ष किया. चिदंबरम ने कहा, "टेस्ट मैच पांच दिनों के लिए होता है, यह तो तीसरा ही दिन है. मैंने स्पीकर को लिखा है, मैं स्पीकर के जवाब का इंतजार कर रहा हूं."

CBI ने ‘वीजा के बदले रिश्वत' मामले में कार्ति चिदंबरम से तीसरे दिन भी पूछताछ की

बता दें कि सीबीआई बृहस्पतिवार से कार्ति से 11 साल पुराने मामले में पूछताछ कर रही है, जिसे कांग्रेस नेता ने ‘‘फर्जी'' और ‘‘राजनीतिक प्रतिशोध'' का परिणाम बताया है. यह मामला 2011 का है, जब कार्ति के पिता पी चिदंबरम केंद्रीय गृह मंत्री थे.

सीबीआई ने कार्ति और अन्य के खिलाफ वेदांता समूह की कंपनी तलवंडी साबो पावर लिमिटेड (टीएसपीएल) के एक शीर्ष अधिकारी द्वारा उन्हें और उनके करीबी एस भास्कररमन को कथित तौर पर 50 लाख रुपये की रिश्वत दिए जाने के मामले में 14 मई को प्राथमिकी दर्ज की थी.

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सीबीआई की प्राथमिकी में कहा गया है कि रिश्वत लेकर 263 चीनी कामगारों के लिए परियोजना वीजा जारी किया गया. टीएसपीएल पंजाब में बिजली संयंत्र स्थापित कर रही थी. प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि परियोजना वीजा 2010 में बिजली और इस्पात क्षेत्र के लिए पेश किए गए एक विशेष प्रकार के वीजा थे, जिसके लिए विस्तृत दिशा-निर्देश केंद्रीय गृह मंत्री के रूप में पी चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान जारी किए गए थे. हालांकि, इन्हें फिर से जारी करने का कोई प्रावधान नहीं था. जांच एजेंसी इस मामले में भास्कररमन को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है.

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