- जम्मू कश्मीर के नौगाम पुलिस थाने में विस्फोटकों का बड़ा जखीरा फरीदाबाद से टाटा 407 पिकअप ट्रक से लाया गया था
- विस्फोटकों का निरीक्षण करते समय नौगाम पुलिस थाने में आकस्मिक विस्फोट हुआ जिसमें नौ लोग मारे और 32 घायल हुए
- विस्फोटक नौ-10 नवंबर को फरीदाबाद में छापेमारी के दौरान बरामद किए गए और फिर छोटे बैगों में भरकर कश्मीर लाए गए
जम्मू कश्मीर के नौगाम पुलिस थाने में जिन विस्फोटकों में विस्फोट हुआ था उनका बड़ा जखीरा हरियाणा के फरीदाबाद से एक टाटा 407 पिकअप ट्रक से छोटे-छोटे बैग में भरकर वहां ले जाया गया था और जब यह ‘‘दुर्घटना'' हुई तब विशेषज्ञ इन विस्फोटकों का निरीक्षण कर रहे थे. एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि जांचकर्ता उस आतंकवादी मॉड्यूल के संभावित लक्ष्यों का पता लगाने की अब भी कोशिश कर रहे हैं जो भारी मात्रा में विस्फोटक एकत्र कर रहा था.
कैसे हुआ विस्फोट
इस विस्फोटकों में से कुछ में 10 नवंबर को यहां लाल किले के पास विस्फोट होने से 13 लोगों की मौत हो गई. इसके बाद श्रीनगर के नौगाम पुलिस थाने में शुक्रवार रात हुए आकस्मिक विस्फोट में नौ लोग मारे गए और 32 घायल हो गए. जम्मू-कश्मीर पुलिस के अनुसार, यह विस्फोट उस समय हुआ जब एक विशेष टीम विस्फोटकों के एक बड़े और ‘‘अस्थिर'' जखीरे से नमूने ले रही थी.
क्यों रखे गए थे विस्फोटक
शीर्ष अधिकारी ने बताया कि विस्फोटकों को नौ-10 नवंबर को छापेमारी के दौरान फरीदाबाद से बरामद किया गया था और बाद में पूरे प्रोटोकॉल का पालन करते हुए इन्हें छोटे-छोटे बैग में भरकर एक टाटा 407 वाहन से कश्मीर ले जाया गया था. अधिकारी ने विस्फोटकों को नौगाम ले जाए जाने के पीछे का कारण बताते हुए कहा कि मूल मामला नौगाम पुलिस थाने में दर्ज किया गया है और ये विस्फोटक उसी पुलिस थाने की संपत्ति थे इसलिए विस्फोटकों को इतनी दूर ले जाना जरूरी था.
विस्फोटकों को एकत्र करने वाले ‘सफेदपोश' आतंकवादी मॉड्यूल के संभावित लक्ष्यों के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा कि जांचकर्ता अब भी सुराग ढूंढ़ रहे हैं. अधिकारी ने कहा, ‘‘संभावित लक्ष्यों के बारे में सारी जानकारी... पूरी तरह केवल अटकलें हैं.''
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