- दिल्ली के लाल किले के सामने हुए धमाके में इस्तेमाल विस्फोटक हरियाणा के पिनगंवा से खरीदा गया था
- विस्फोटक के रूप में उपयोग हुआ NPK उर्वरक अवैध खनन में भी इस्तेमाल होता है और इसे बड़े पैमाने पर खरीदा गया था
- करीब दो हजार किलो NPK विस्फोटक के लिए पांच से सात लाख रुपये की कीमत में खरीदा गया, जबकि नियमों की अनदेखी की गई
दिल्ली के लाल किला के सामने हुए धमाके के तार कई राज्यों में फैले हुए हैं. धीरे-धीरे इस मामले की परतें सामने आ रहने आ रही हैं. NDTV की इन्वेस्टिगेशन में सामने आया है कि हरियाणा के धौज से करीब 70 किमी दूर पिनगंवा में विस्फोटक ख़रीदा गया था. सूत्रों के मुताबिक, बागवानी और कृषि काम में इस्तेमाल होने वाली NPK को पिनगंवा क़स्बे में दिनेश कुमार अग्रवाल से ख़रीदा गया. सूत्रों ने ये भी बताया कि NPK के एक-एक किलो का पैकेट ख़रीदा गया. इस NPK में पोटेशियम, फास्फोरस और नाइट्रोजन होता जो पानी में घुलनशील होता है. सूत्रों के मुताबिक, इसी का इस्तेमाल विस्फोट करने में किया गया. ये एक आम उर्वरक है, जो करीब-करीब हर खाद की दुकान पर मिलती है. लेकिन उसके बावजूद पिनगंवा से ही मुजम्मिल ने क्यों ख़रीदा?
करीब 7 लाख रुपये में ख़रीदा गया विस्फोटक
सबसे बड़ा सवाल ये है कि अल-फलाह यूनिवर्सिटी से करीब 70 किमी दूर पिनगंवा से NPK क्यों ख़रीदा गया, जबकि ये उर्वरक हर खाद और बीज की दुकान में मिलता है. सूत्रों के मुताबिक, इसके तार अवैध खनन से भी जुड़े हैं. दरअसल, ये पिनगंवा क़स्बा हरियाणा राजस्थान बार्डर पर है और पुलिस सूत्रों के मुताबिक, अवैध खनन में इस NPK का प्रयोग किया जाता है. यही वजह है कि किसी और की मदद से मुजम्मिल ने यहां से NPK का पैकेट ख़रीदा. सूत्रों के मुताबिक, दो हज़ार किलो NPK करीब 5-7 लाख रुपये में ख़रीदा गया है. सूत्रों ने बताया कि इतनी बड़ी तादात में जब कोई NPK खरीदता है, तो उसका आधार कार्ड समेत जानकारी रखनी होती है खाद रखने वाले दुकानदार को रखना होता है, लेकिन इस मामले में इन नियमों की धज्जियां उड़ाई गई. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इस इलाके में मुजम्मिल को अमोनियम नाइट्रेट ख़रीदने में एक स्थानीय लोग भी शामिल था. अब पिनगंवा और आसपास के इलाके में कई लोगों से पूछताछ कर रही है.

दिल्ली और श्रीनगर में धमाके के लिए विस्फोटक अमोनियम नाइट्रेट को मेवात के पिनगंवा क़स्बे से ख़रीदा गया, जिस खाद और बीज की दुकान से इसे ख़रीदा गया था उसके मालिक दिनेश अग्रवाल को NIA ने गिरफ़्तार कर लिया है.
दिल्ली में लाल किले के पास हुए धमाके की जांच के दायरे में आए आतंकी मॉड्यूल के सदस्यों ने निगरानी से बचने के लिए एक असामान्य, लेकिन प्रभावी संचार तरीका अपनाते हुए साझा ईमेल अकाउंट का इस्तेमाल किया. जांचकर्ताओं के अनुसार, संदिग्धों में डॉ. उमर उन नबी और उसके सहयोगी डॉ. मुजम्मिल गनी व डॉ. शाहीन शाहिद शामिल हैं. नबी बारे में माना जा रहा है कि धमाके वाली कार वही चला रहा था. जांचकर्ताओं ने बताया कि ये सभी एक ही ईमेल अकाउंट का उपयोग करते थे.
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